Sunday, August 24, 2025
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जालंधर सिविल अस्पताल ऑक्सीजन सप्लाई ठप मामले की जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही, पढ़ें खबर…

by Doaba News Line

जालंधर: सिविल अस्पताल में बीते रविवार हुए हादसे की जांच में अब एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से तीन मरीजों की मौत मामले की जांच में सामने आया है कि घटना की रात ऑक्सीजन प्लांट का काम अस्पताल में दर्जा 4 के कर्मचारी के हाथ में सौंपा गया था, जिसको ऑक्सीजन प्लांट को हैंडल करने का न तो कोई तजुर्बा था न ही कोई तकनीकी जानकारी। बताया जा रहा है कि घटना के वक़्त अस्पताल में दोनों टेक्नीशियनों में से एक छुट्टी पर था और दूसरा अपनी शिफ्ट खत्म कर जा चुका था।

वहीं जांच कमेटी ने इस मामले में पाया कि जिस दर्जा 4 के कर्मचारी की ड्यूटी ऑक्सीजन प्लांट पर लगाई गई थी, वह पहले अलग-अलग वार्डों में अस्थायी ड्यूटी करता रहा है। यानी ऑक्सीजन प्लांट संचालन का उसे न कोई तकनीकी अनुभव था। रिपोर्ट के अनुसार यही लापरवाही उस समय 3 मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो गई।

स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल अस्पताल के ICU में हुई मौतों की जांच के दिए आदेश, 48 घंटे में मांगी रिपोर्ट

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बीते दिन जालंधर के सिविल अस्पताल के आई.सी.यू. में तीन मरीजों की मौत के मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए। ऑक्सीजन की आपूर्ति में गड़बड़ी की रिपोर्टें मिलने के बाद मंत्री ने रविवार रात 12:55 बजे डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल के साथ अस्पताल का औचक दौरा किया।

कहा, विस्तृत जांच तकनीकी खराबी के कारणों का पता लगाने में मदद करेगी

मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि तकनीकी खराबी के कारण ऑक्सीजन प्लांट में दबाव कम होने की समस्या आई, जिसे तुरंत बैकअप सिस्टम द्वारा बहाल कर लिया गया और प्लांट ऑपरेटर द्वारा पूरे सिस्टम को वैकल्पिक कंप्रेसर पर ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे इस मामले की गहराई से जांच कर 48 घंटों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। स्वास्थ्य मंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार दुख की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।

वहीं इस मामले की जवाबदेही पर ज़ोर देते हुए मंत्री ने कहा कि यदि अस्पताल स्टाफ की कोई गलती या लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जांच रिपोर्ट में सामने आई किसी भी तरह की कमी को दूर करने का आश्वासन भी दिया और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

DC द्वारा अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही साबित होने पर कड़ी कार्रवाई का दिलाया भरोसा

वहीं डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने भी दुख व्यक्त किया और दोहराया कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि मौतें ऑक्सीजन की समस्या के कारण हुई या किसी अन्य चिकित्सकीय जटिलता के चलते हुई है ।

जालंधर : सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में बड़ा हादसा, ऑक्सीजन बंद होने के कारण तीन लोगों की मौत

जालंधर के सिविल अस्पताल से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां ऑक्सीजन बंद होने के कारण तीन मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई। जिस से सिविल अस्पताल में हड़कंप मच गया। ट्रामा सेंटर डॉक्टर के अनुसार ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी आने के कारण हादसा हुआ है। लेकिन जब प्लांट बंद हुआ तो मरीजों को कंसंट्रेटर की मदद से ऑक्सीजन देने की कोशिश की। लेकिन मरीजों की हालत पहले से ही गंभीर होने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।

वहीं मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हुई है। क्योंकि उनके मरीज रिकवर कर रहे थे। अगर तकनीकी खराबी आई भी है तो उसमें सिविल हॉस्पिटल जिम्मेदार है। एस एम ओ विनय आनंद का कहना है कि ऑक्सीजन बंद हुई थी ,लेकिन मरीजों की मौत ऑक्सीजन के कारण नहीं हुई। वहीं सूत्रों के अनुसार पता चला है कि सिविल हॉस्पिटल के प्रबंधको की तरफ से हादसे के कारणों को जानने के लिए टीम का गठन किया है और जांच के आदेश भी दिए हैं।

सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि अगर ऑक्सीजन प्लांट बंद हुआ है तो उसमें तकनीकी खराबी क्यों आई और ऑक्सीजन प्लांट की देखरेख की जिम्मेदारी किसके सिर पर है।

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