दोआबा न्यूजलाइन


जालंधर (पूजा, सपना) जालंधर के निजी होटल में पंथक मामलों को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर ने प्रेस वार्ता की। जहां एसजीपीसी को लेकर बीबी जागीर का कहना है कि कौम की महान जत्थेबंदी है, जो हमारे बुजुर्गों के खून से पैदा हुई है। कौम पर कोई दुविधा आ जाए तो वह बीच में बैठकर उसका हल करें। आगे बीबी जागीर ने कहा कि 2 दिसंबर 2024 को श्री अकाल तख्त साहिब में फैसले सुनाए गए। इस दौरान लिए गए फैसलों से लगा था कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी भी इकट्ठी हो जाएगी और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का भी जल्द चुनाव हो जाएगा। लेकिन अफसोस है, इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के प्रधान ने इस्तीफा दे दिया और शिरोमणि अकाली दल के लीडर ने चैलेंज किया।


श्री अकाल तख्त साहिब की मान मर्यादा को ठेस पहुंची, सिद्धांतक तौर पर काफी बड़ा नुकसान हुआ। बीबी जागीर कौर ने कहा कि उसके बाद कुछ ऐसी घटनाएं हुई, जिसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान की गैर हाजिरी में सीनियर मीत प्रधान की अगुवाई में बिना नियमों के गैर सिंद्धांतक ढंग से सिंह साहिबानों को फारक कर दिया गया, यहां तक अश्लील शब्दावली का प्रयोग किया गया। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल कमेटी के 42 मेंबरों ने लिखकर मत्ता डाला कि इस मामले को लेकर विचार विर्मश किया जाए, जिसमें कहा कि गैर नियमों से पास हुए मत्तों को रद्द किया जाए। बीबी जागीर कौर ने आरोप लगाए है कि शिरोमणि कमेटी के प्रधान नियमों को मानने की बजाय उन्हें जलील किया।
बताते चले कि नियमों के अनुसार एक्ट में लिखा हुआ है कि अगर मत्ते को माना ना जाए तो विशेष जनरल इजलास बुलाया जा सकता है। इसे बुलाने के लिए 3 माह का समय चाहिए होता है। जिसको लेकर आज सभी सिख सदस्य इकट्ठें हुए है। उन्होंने कहा कि एक्ट के अनुसार 10 मेंबर इकट्ठे होकर विशेष जनरल इजलास बुलाने की मांग कर सकते हैं, जिसमें 30 मेंबरों का होना जरूरी होता है। बीबी जागीर कौर ने कहा कि कौम को दोबारा से जोड़ने के लिए सभी आज इकट्ठा हुए है। हरियाणा कमेटी बनाने के दौरान भी विशेष जनरल इजलास बुलाया गया था। आज उनकी यही मांग है कि विशेष जनरल इजलास एक बार फिर से बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई सियासी तौर पर दवाब बना रहा है तो प्रधान उनकी दवाब में ना आए और अपनी ड्यूटी को सही से निभाए। बीबी जागीर ने बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि अगर उसने को गलती की है तो उसे सजा मिलनी चाहिए, अगर विरोध में आकर कार्रवाई की गई है तो यह निंदनीय है।