दोआबा न्यूज़लाईन
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फगवाड़ा/जालंधर: जीएनए विश्वविद्यालय के तत्वावधान में स्कूल ऑफ नेचुरल साइंस ने पीएससीएसटी, एनसीएसटीसी और डीएसटी के सहयोग से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में हर साल पूरे देश में मनाया जाता है।” पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, कपूरथला में अनुप्रयुक्त विज्ञान की सहायक प्रोफेसर डॉ. वंदना नैथानी ने “पर्यावरण के लिए जीवनशैली” पर विशेषज्ञ वार्ता दी। उन्होंने युवाओं को अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलावों को लागू करने के लिए प्रेरित किया, जो पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।
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उन्होंने सभी श्रोताओं को प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम “विज्ञान में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना और विकसित भारत के लिए नवाचार” पर जोर देते हुए, उन्होंने दर्शकों को बताया कि आप हमारे देश के भविष्य के नेता हैं, विज्ञान में अपने अच्छे तकनीकी कौशल के साथ, आपको 21 वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना होगा। हमारे पर्यावरण की रक्षा और संधारणीय होने के लिए सभी को अपने स्तर पर भाग लेना होगा।
उन्होंने छात्रों को पैदल चलने और कारपूलिंग का विकल्प चुनकर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रेरित किया ताकि 2070 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। वह दर्शकों को सामुदायिक स्तर पर की गई पहलों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए शुरू की गई सरकारी परियोजनाओं से परिचित कराती हैं। व्याख्यान का समापन यह कहकर किया गया कि “आइए प्रकृति का पोषण करें ताकि हमारा भविष्य बेहतर हो सके।”
इस मौके पर जीएनए विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर एस. गुरदीप सिंह सिहरा ने कहा, “मैं ऐसे आयोजनों के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना करता हूं, जो उन्हें वास्तविक समय की प्रेरणा देते हैं।” वहीं जीएनए यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. हेमंत शर्मा ने कहा कि युवाओं को पर्यावरण को बचाने और संरक्षित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरूक होना चाहिए। इस तरह की गतिविधियों से छात्रों में अधिक जागरूकता पैदा होगी और समाज की बेहतरी के लिए फायदेमंद होगी।
वहीं इस अवसर पर जीएनए यूनिवर्सिटी की डीन अकादमिक डॉ. मोनिका हंसपाल ने कहा कि मैं छात्रों की सक्रिय भागीदारी और इस तरह के आयोजनों के लिए संकाय के अंत में उत्साह देखकर वास्तव में खुश हूं।