Tuesday, March 18, 2025
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जालंधर: नगर निगम में कर्मचारियों का प्रदर्शन, दी सख्त चेतावनी

by Doaba News Line

दोआबा न्यूज़लाईन

जालंधर:(पूजा) नगर निगम कर्मियों ने एक बार फिर से अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसको लेकर निगम परिसर में कच्चे कर्मियों द्वारा निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। उनका कहना है कि मेयर विनीत धीर के साथ पिछले सप्ताह मीटिंग हुई थी, जिसके बाद मेयर के आदेश जारी होने के बावजूद भी कर्मियों को अभी तक सैलरी नहीं दी गई। इस दौरान 15 सालों के काम कर रहे कर्मियों को भी पक्के नहीं किया जा रहा। जिसको लेकर आज उनके द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस दौरान आज एक बार फिर से निगम कर्मियों ने मेयर विनीत धीर के समक्ष मुद्दे को उठाया है, जहां उन्होंने मुद्दों को हल करने के लिए अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। मीडिया से बात करते हुए मेयर विनीत धीर ने कहा कि यूनियन के कर्मी अपनी मांगों को लेकर उनके पास आए थे।

इस दौरान मेयर ने माना कि उनके मुद्दे जायज हैं, जिसको लेकर आज ही उन्हें मसले हल करने का आश्वासन दिया गया है। मीडिया से बात करते हुए मेयर ने कहा कि कर्मियों के मुद्दों में मुख्य कारण कच्चे कर्मियों को पक्के करने का था और उन्हें सैलेरी नहीं मिल रही थी। जिसको लेकर आज ही अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि आज ही पहल के आधार पर उनके मुद्दों को हल किया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि आज 100 प्रतिशत कर्मियों को सैलेरी दे दी जाएगी।

वहीं यूनियन नेता बंटी ने कहा कि उनके आउटसोर्स के साथियों की लंबित पड़ी सैलरी का मुख्य मुद्दा है। जिसमें कर्मियों को अभी तक सैलेरी नहीं दी गई। नेता ने आरोप लगाए है कि अधिकारी काम करना नहीं चाहते है या वह मेयर को काम नहीं करने देना चाहते। आरोप है कि अधिकारियों की लॉबी कमजोर है और उन्हें लगता है कि सोची समझी साजिश के तहत मेयर को फेल करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर आज उनके कर्मियों को सैलेरी मिलती है तो अच्छा होगा, नहीं तो कल से सीवरेजा का काम, सफाई का काम और कूड़े की लिफ्टिंग के काम को बंद कर देंगे।

वहीं कच्चे कर्मियों को लेकर नेता ने कहा कि उन्हें पता लगा कि 12 साल पहले 300 माली कर्मियों को पक्का किए जाने का काम चल रहा है। उन्हें पता लगा कि कोर्ट में दायर केस वह हार चुके है। लेकिन उसके बावजूद अफसरों की मिलीभुगत से 38 कर्मियों को अपाइंट किया गया है, जबकि उनका यहां पर कोई काम नहीं हो रहा और ना ही वह ना कच्चे कर्मियों में है। उनकी मांग है कि पिछले 15 सालों से जो कच्चे कर्मी है, पहले उन्हें पक्का किया जाए।

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