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हेल्थ: (सपना ठाकुर) हमेशा से सबका यह मानना रहा है कि घर का भोजन सेहत के लिए लाभदायक होता है, इससे हमारा शरीर चुस्त और तंदरुस्त रहता है। मगर यह एक भ्रम है। हेल्थ विशेषज्ञों का यह मानना है कि कई बार घर का बना हुआ और सेहतमंद खाना खाने के बावजूद भी हमारा वजन बढ़ने लगता है और जिसके कारण शरीर कई बिमारियों की चपेट में आ जाता है। वजन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे भोजन में अधिक कार्बोहाइड्रेट वाली रोटी, चावल और परांठे आदि का अधिक सेवन करना और प्रोटीन व अन्य पोषक तत्वों की कमी होना। शरीर में इससे असंंतुलन पैदा होता है।
अगर आपको लगता है कि आपका वज़न बढ़ रहा है, तो यह कई वजहों से भी हो सकता है: ज़्यादा खाना, गलत तरह का खाना खाना, पर्याप्त व्यायाम न करना, टिशूज में तरल पदार्थ जमा होना। वहीं संतुलित भोजन करने से पेट भरा रहता है और ओवरईटिंग की संभावना कम होती है। इसके अलावा बहुत बार खाने, बिना भूख के आदतन खाना खाने से भी शरीर में अतिरिक्त कैलोरी पहुंचती है। आएये जानते हैं वजन बढ़ने के कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में।
तनाव का अधिक होना:
तनाव आज हर व्यक्ति के जीवन में जगह बनाता जा रहा है, लेकिन यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है, जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, मोटापा और मधुमेह अदि इसीलिए तनाव भी वजन बढ़ाने के कारणों में से एक है। क्योंकि तनाव इमोशनल ईटिंग को बढ़ा सकता है। यह कॉर्टिसोल हॉर्मोन के स्तर को भी बढ़ाता है, जो मीठे या फैटी फूड्स की क्रेविंग्स को बढ़ाता है। भले ही आप घर का बना खाना खा रहे हों, लेकिन तनाव अधिक होने के कारण आप अधिक खा लेते हैं या ऐसा भोजन ज्यादा खा लेते हैं, जिसमें कैलोरी ज्यादा होती हैं।
‘हेल्दी’ फूड में भी हो सकती है अधिक कैलोरी:
सिर्फ इसलिए कि किसी चीज को हेल्दी कहा गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह वजन नहीं बढ़ा सकती। जैसे नट्स, बीज, सूखे मेवे और एनर्जी बार जैसे फूड हेल्दी तो होते हैं, लेकिन उनमें काफी कैलोरी होती हैं। इन स्नैक्स को अधिक मात्रा में खाने से ओवरईटिंग हो सकती है। स्नैकिंग करते समय, उसकी मात्रा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। नट्स या एनर्जी बार का अधिक सेवन करने से एक दिन में सैंकड़ों अतिरिक्त कैलोरी शरीर में पहुंच सकती हैं।
ज्यादातर समय बैठे रहना:
जिन लोगों की डेस्क जॉब्स होती है, वे लंबे समय तक बैठे रहते हैं, जिससे उनका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ सकता है। फिर भले ही वे हेल्दी खा रहे हों। लंबे समय तक बैठने से खराब पोस्चर और मांसपेशियों को नुकसान भी हो सकता है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
देर से सोना या नींद का पूरा न होना:
नींद वजन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप देर से सोते हैं या शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता है तो यह शरीर की फैट बर्न करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो शरीर भूख बढ़ाने वाले हार्मोन जैसे कि ग्रेलिन (Ghrelin) का उत्पादन अधिक करता है, जिससे आप ज्यादा खाते हैं। वहीं तृप्ति का संकेत देने वाला हार्मोन लेप्टिन कम बनने लगता है। इसके अलावा, जब आप गहरी नींद में होते हैं, तब शरीर की फैट बर्न करने की प्रक्रिया बेहतर काम करती है। अगर आप लगातार देर से सो रहे हैं या पर्याप्त नींद नहीं ले रहे, तो आपका शरीर उस महत्वपूर्ण फैट-बर्निंग चरण को मिस कर देता है।
इन उपायों से रहें फिट एंड हेल्दी :
योग और मेडिटेशन को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा:
अगर आप भी अपनी जिंदगी से तनाव को कम करना चाहते हैं तो योग, ध्यान या वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह तनाव के साथ ही वजन को मैनेज करने में भी आपकी मदद करेगा। रोजाना समय पर उठ कर योग और व्यायाम करना तनाव को कम करने के लिए सबसे अहम इलाज है।
हेल्थी फ़ूड को भी लिमिट में खाएं:
माना कि हेल्थी फ़ूड को खाना सेहत के लिए जरुरी है, मगर उसे उतनी ही मात्रा में खाना चाहिए जितना की हमारे शरीर को जरुरत हो। ज्यादा भोजन का सेवन न करें, संतुलित आहार सेहत के लिए जरूरी है मगर उसे भी उचित मात्रा में सेवन करें ताकि वजन संतुलन में रहे। खाने के बाद थोड़ा सा टहलना भी चाहिए, तुरंत बैठना या लेटना नहीं चाहिए।
समय पर सोएं और नींद पूरी करें:
जैसे कि सही मात्रा में खाना सेहत के लिए जरूरी है उसी तरह से समय पर सोना और उठना भी हेल्थी रहने के लिए बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य रहने के लिए 7-8 घंटे की नींद लेना भी जरूरी है क्योंकि अगर हम समय पर सोएं और अपनी नींद पूरी करें तो उससे बॉडी से एक्स्ट्रा फैट भी बर्न होता है। जिस से वजन नहीं बढ़ता, इसीलिए समय पर सोना और उठना हेल्दी रहने के लिए बहुत जरुरी है।