दोआबा न्यूज़लाईन
जालंधर : पंजाब के बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने इंडो-इजराइल और इंडो-डच वर्क प्लान के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जालंधर का दौरा किया। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल भी मौजूद रहे। इंडो-डच योजना के तहत बनाए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ पटेटो धोगड़ी, जहां आलू के बीज उगाए जाते है, का दौरा करते हुए कैबिनेट मंत्री ने पंजाब के आलू के बीज को एक ब्रांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से राज्य के आलू बीज को न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी निर्यात करने के लिए उपयुक्त योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे आलू उत्पादकों की आय भी बढ़ेगी।
बागवानी मंत्री ने कहा कि पंजाब में कुल 117066 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रतिवर्ष आलू की खेती की जाती है, जिसमें से लगभग 60 से 65 प्रतिशत क्षेत्र में केवल आलू के बीज बनाने के लिए खेती की जाती है। यह गुणवत्तापूर्ण बीज आलू की खेती के लिए देश के सभी राज्यों में भेजा जाता है, इसलिए पंजाब इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि आलू उत्कृष्टता केंद्र में इस गुणवत्ता वाले आलू के बीज का उत्पादन करने के लिए विभिन्न उच्च तकनीक प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाता है।
इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल करतारपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने लंबे समय तक फसलों की सुरक्षित खेती और अधिक पैदावार, आधुनिक मशीनरी, सॉर्टिंग/ग्रेडिंग लाइन, हाइड्रोपोनिक यूनिट आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि केंद्र में अपनायी गयी तकनीक से अधिक से अधिक किसानों को अवगत कराकर उन्हें लाभकारी खेती से जोड़ा जायेगा। उन्होंने यहां के किसानों को पारंपरिक फसल चक्र को छोड़कर बड़े पैमाने पर फसल विविधीकरण अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि कम पानी की खपत वाली फसलों/सब्जियों की खेती समय की मुख्य जरूरत है, जिसके लिए किसानों को गेहूं-धान के पारंपरिक फसल चक्र से हटकर हाईटेक कृषि को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों को हर संभव मदद देने के लिए हमेशा तैयार है।
इस दौरान डॉ हिमांशु अग्रवाल ने बागवानी मंत्री को आश्वासन दिया कि अधिक से अधिक किसानों को केंद्र की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा और फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस अवसर पर आयोजित बैठक में जालंधर के लगभग 12 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कैबिनेट मंत्री ने किसानों से बातचीत की और बागवानी को और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सरकारी सुविधाओं के संबंध में उनके सुझाव भी सुने। इस मौके पर एस. डी.एम. बलबीर राज सिंह एवं केन्द्रों का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
जालंधर : पंजाब के बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने इंडो-इजराइल और इंडो-डच वर्क प्लान के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जालंधर का दौरा किया। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल भी मौजूद रहे। इंडो-डच योजना के तहत बनाए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ पटेटो धोगड़ी, जहां आलू के बीज उगाए जाते है, का दौरा करते हुए कैबिनेट मंत्री ने पंजाब के आलू के बीज को एक ब्रांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से राज्य के आलू बीज को न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी निर्यात करने के लिए उपयुक्त योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे आलू उत्पादकों की आय भी बढ़ेगी।
बागवानी मंत्री ने कहा कि पंजाब में कुल 117066 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रतिवर्ष आलू की खेती की जाती है, जिसमें से लगभग 60 से 65 प्रतिशत क्षेत्र में केवल आलू के बीज बनाने के लिए खेती की जाती है। यह गुणवत्तापूर्ण बीज आलू की खेती के लिए देश के सभी राज्यों में भेजा जाता है, इसलिए पंजाब इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि आलू उत्कृष्टता केंद्र में इस गुणवत्ता वाले आलू के बीज का उत्पादन करने के लिए विभिन्न उच्च तकनीक प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाता है।
इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल करतारपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने लंबे समय तक फसलों की सुरक्षित खेती और अधिक पैदावार, आधुनिक मशीनरी, सॉर्टिंग/ग्रेडिंग लाइन, हाइड्रोपोनिक यूनिट आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि केंद्र में अपनायी गयी तकनीक से अधिक से अधिक किसानों को अवगत कराकर उन्हें लाभकारी खेती से जोड़ा जायेगा। उन्होंने यहां के किसानों को पारंपरिक फसल चक्र को छोड़कर बड़े पैमाने पर फसल विविधीकरण अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि कम पानी की खपत वाली फसलों/सब्जियों की खेती समय की मुख्य जरूरत है, जिसके लिए किसानों को गेहूं-धान के पारंपरिक फसल चक्र से हटकर हाईटेक कृषि को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों को हर संभव मदद देने के लिए हमेशा तैयार है।
इस दौरान डॉ हिमांशु अग्रवाल ने बागवानी मंत्री को आश्वासन दिया कि अधिक से अधिक किसानों को केंद्र की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा और फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस अवसर पर आयोजित बैठक में जालंधर के लगभग 12 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कैबिनेट मंत्री ने किसानों से बातचीत की और बागवानी को और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सरकारी सुविधाओं के संबंध में उनके सुझाव भी सुने। इस मौके पर एस. डी.एम. बलबीर राज सिंह एवं केन्द्रों का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।