दोआबा न्यूज़लाइन

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सीमापार से हुए हमले से पीड़ित लोगों के परिजनों को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में गृह मंत्री शाह ने पाकिस्तान द्वारा पुंछ के रिहायशी इलाकों, मंदिरों, गुरुद्वारों और मदरसों पर हुए कायराना हमलों के पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा निंदनीय हमले में हताहत हुए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का कार्यक्रम यहां आयोजित हुआ है। उन्होंने कहा कि मुआवज़े और सरकारी नौकरी से जीवन में हुई क्षति की परिपूर्ति नहीं हो सकती लेकिन यह जम्मू और कश्मीर सरकार, भारत सरकार और पूरे देश की जनता की भावनाओं का एक प्रतीक है। मंत्री शाह ने यह भी कहा कि पूरा देश इस समय आपके साथ चट्टान की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभक्ति का जो जज़्बा जम्मू और कश्मीर के नागरिकों में घाटी से लेकर पुंछ
और कठुआ तक उभर कर आया उससे पूरे देश की जनता का संबल बढ़ा है।
वहीं ग्रह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि पहलगाम में निर्दोष टूरिस्ट पर कायराना आतंकी हमला हुआ और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आतंकवादी हमले का जवाब तत्परता और कठोरता से देने की नीति के तहत हमने पाक ऑक्युपाइड कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर स्थित आतंकी संगठनों के हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया। भारत की जनता की ओर से करारे जवाब के रूप में प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति से लिए गए निर्णय, हमारी एजेंसियों की सटीक सूचना और सेना के अद्भुत साहस और अचूक मारक क्षमता के कारण सैंकड़ों की संख्या में आतंकवादी हताहत हुए।
वहीं गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार और अधिक बंकर बनाएगी जिससे आपदा के समय हमारे नागरिकों को बचाया जा सके। उन्होंने
कहा कि भारत सरकार जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत स्पष्ट कर दिया है कि TERROR और TALKS, TERROR और TRADE एक साथ नहीं चल सकते और खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू और कश्मीर में 2014 में विकास की जो यात्रा शुरू हुई थी, वह आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।