दोआबा न्यूज़लाईन
जालंधर: लाला लाजपत राय नर्सिंग शिक्षा संस्थान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया गया। लाला लाजपत राय नर्सिंग शिक्षा संस्थान में शिक्षक दिवस को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया, जिसमें नर्सिंग पेशेवरों के भविष्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कॉलेज के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कई आकर्षक गतिविधियों और प्रदर्शनों की श्रृंखला शामिल थी, जिसमें छात्रों और शिक्षकों के बीच मजबूत बंधन को दर्शाया गया।
बता दें कि शिक्षक दिवस को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। सन 1962 में उनके राष्ट्रपति बनने पर, उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की पहल हुई। 1962 में उनके राष्ट्रपति बनने पर उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस
के रूप में मनाने की पहल हुई। 2024 की थीम है ‘सतत भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना’ इस दिन छात्र विभिन्न समारोहों में भाग लेते हैं जो उनके नियमित कार्यक्रमों से अलग होते हैं, जिनके माध्यम से छात्र अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार प्रकट करते हैं।
समारोह की शुरुआत छात्र प्रतिनिधि के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने संकाय द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन और मार्गदर्शन के लिए सभी छात्रों की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त किया। इसके बाद छात्रों ने विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जीवंत सांस्कृतिक हरियाणवी नृत्य था। ऊर्जावान प्रदर्शन का उत्साहपूर्ण तालियों से स्वागत किया गया, जो छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है।
सांस्कृतिक प्रदर्शनों के अलावा, शिक्षकों के लिए विशेष रूप से कई गतिविधियां आयोजित की गईं। इनमें इंटरैक्टिव गेम, प्रशंसा समारोह शामिल था, जहां छात्रों ने अपने सम्मान और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में उपहार प्रस्तुत किए। समारोह का समापन प्रिंसिपल मैडम नेहा वासुदेव तथा डायरेक्टर शिव मोदगिल के प्रेरक भाषणों के साथ हुआ। अपने संबोधनों में उन्होंने शिक्षा और छात्रों के समग्र विकास के लिए शिक्षकों की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की।
उन्होंने नर्सिंग पेशे में शिक्षक-छात्र संबंधों के महत्व पर भी जोर दिया और शिक्षकों को जुनून और समर्पण के साथ अपना नेक काम जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। शिक्षक दिवस समारोह एक यादगार कार्यक्रम था, जिसने छात्रों और शिक्षकों दोनों को एक-दूसरे के प्रति गहरी प्रशंसा और सम्मान की भावना दी।