कारोबारियों की करवाई जाएगी फॉउंडरी विजिट
दोआबा न्यूजलाईन
जालंधर: द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फॉउंडरी के लिए पदाधिकारी जालंधर के कारोबारियों ने एक मीटिंग की। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कारोबारियों को नई तकनीक की जानकारी देने के लिए फॉउंडरी विजिट करवाई जाएगी। इसके साथ जनवरी में चैप्टर डे का आयोजन करवाए जाने की बात भी कही। इस आयोजन पर मीटिंग में चर्चा भी की गई है। दरअसल केंद्र सरकार ने अलग-अलग सेक्टर में रिसर्च तथा डेवलपमेंट के लिए इंस्टीट्यूट बनाए हैं। इन्हीं के तहत द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फॉउंडरी में कार्यरत हैं। ये धातु को पिघलाने, इसकी क्वालिटी के विकास, वातावरण संरक्षण की तकनीक का प्रसार कर रहा है।
वहीं मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए चेयरमैन बलराम कपूर ने कहा कि पिछले दिनों जो जालंधर में एक्सिबिशन लगाई गई थी उसके अच्छे परिणाम आए हैं। यहां कारोबारियों को सरकारी संस्थानों के लिए पुर्जों के निर्माण के मौकों की जानकारी मिली। बैठक में रिव्यू किया गया है कि इस प्रदर्शनी का क्या फायदा हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से छोटे उद्योगों का विकास होग। इसी दौरान सचिव संजीव जुनेजा ने कहा कि अगली तिमाही के लिए प्रोग्रामों का फैसला किया गया है। इसमें फॉउंडरी विजिट होगी और साथ साथ वातावरण सरंक्षण के लिए पौधारोपण भी किया जाएगा। इसके साथ ही जनवरी 2025 में चैप्टर दिवस मनाएंगे। मीटिंग में दीर्घकालिक लक्ष्यों और सदस्यों कि बढ़ोतरी पर चर्चा की गई। आउटरीच कार्यकर्मों को बेहतर बनाने पर रोशनी डाली गई।
मीटिंग के दौरान इंस्टीट्यूट के पदाधिकारियों ने कहा कि शहर में एमएसएमई मंत्रालय और एफआईसी का वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम में साथ रहा था। इसकी कोशिश को तेज करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि जालंधर और बाकी जिलों में फॉउंडरी इंडस्ट्री में विकास की अपार संभावना है। सरकारी स्तर पर ही निर्माण प्रोजेक्ट तेज हुआ है, इससे लोकल इंडस्ट्री को कारोबार मिला है। वहीं संस्थान के उत्तरी क्षेत्र के पूर्व प्रधान विनय लूथरा ने कार्यकारी सदस्यों को फरवरी 2025 में कोलकाता में आयोजित होने जा रही 73वीं भारतीय फॉउंडरी प्रदर्शनी के बारे में भी जानकारी दी।
वहीं संस्था के कोषाध्यक्ष मनीष कवात्रा ने सदस्यता वृद्धि में सकरात्मक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए संगठन की वर्तमान वित्तीय स्थिति का अवलोकन प्रस्तुत किया। इस कार्यकारणी बैठक में विशाल गौतम को कार्यकारी सदस्य के रूप में भी चुना गया। दरअसल वह पिछले एक साल से आईआईएफ की विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं और विभिन्न आयोजनों की सफलता में योगदान दे रहे हैं।