दोआबा न्यूज़लाइन


घाना: अफ़्रीकी देश घाना दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बीते दिन घाना के सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा गया। जानकारी के अनुसार इस दौरान दोनों देशों ने 4 अलग-अलग समझौते (MoU) साइन किए। पीएम मोदी ने सर्वोच्च सम्मान हासिल होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि घाना से सम्मानित होना मेरे के लिए गर्व की बात है। इससे पहले उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और घाना दोनों देश आतंकवाद को मानवता का दुश्मन मानते हैं और आगे इसके खिलाफ मिलकर कार्य करेंगे।

वहीं बातचीत के दौरान दोनों देशों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) में सुधारों पर वे एकमत हैं। इसके साथ ही दोनों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता जताई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और घाना के बीच व्यापार 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है और अगले 5 साल में इसे और दोगुना करने टारगेट है। इसी बीच उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा को भारत आने का न्योता भी दिया।
अफ़्रीकी देश घाना की पहली यात्रा पर रवाना हुए PM मोदी, दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार और रिश्तों पर करेंगे चर्चा
भारत के प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी आज यानि बुधवार को 5 देशों की यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। जानकारी के अनुसार सबसे पहले पीएम मोदी अफ्रीकी देश घाना जा रहे हैं। तीन दशक में यह यात्रा किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है। बताया जा रहा है कि घाना में PM मोदी राष्ट्रपति जॉन महामा से मिलेंगे और दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार और रिश्तों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान एनर्जी, खेती और डिजिटल तकनीक और वैक्सीन हब डेवलप करने के क्षेत्र में कई समझौते (MoU) साइन होंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत का UPI और डिजिटल पेमेंट सिस्टम घाना में लाने के बारे में भी बातचीत होगी, ताकि दोनों देशों में डिजिटल लेन-देन आसान हो सके। इस दौरान मोदी और महामा एक साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। जहां पीएम मोदी घाना की संसद और वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। वहीं घाना के राष्ट्रपति महामा द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में स्टेट डिनर भी आयोजित किया जाएगा।
बता दें कि इस यात्रा से पहले साल 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और साल 1995 में नरसिम्हा राव बतौर PM घाना के दौरे पर पहुंचे थे। दरअसल भारत और घाना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे के मजबूत समर्थक रहे हैं। दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में मिलकर काम करते हैं।