Home एजुकेशन इनोसेंट हार्ट्स में नन्हे इको-योद्धा सक्रिय, सीखी कचरा अलगाव और खाद बनाने की कला

इनोसेंट हार्ट्स में नन्हे इको-योद्धा सक्रिय, सीखी कचरा अलगाव और खाद बनाने की कला

by Doaba News Line

दोआबा न्यूज़लाइन

जालंधर: “दिशा: एन इनीशिएटिव के अंतर्गत इनोसेंट हार्ट्स स्कूल ग्रीन मॉडल टाउन, लोहारां, कैंट जंडियाला रोड, नूरपुर रोड व कपूरथला रोड के छात्रों ने पर्यावरण से जुड़ी सार्थक गतिविधियों की एक श्रृंखला में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन गतिविधियों का उद्देश्य ज़िम्मेदार और पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों का निर्माण करना था।

इस पहल के अंतर्गत कक्षा I और II के छात्रों के लिए “आइए कचरा छाँटें!” शीर्षक से एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों को कचरा पृथक्करण की मूल बातें सिखाई गईं। रोचक दृश्यों और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों ने सीखा कि गीला कचरा (जैसे फल के छिलके और बचा हुआ खाना) और सूखा कचरा (जैसे कागज, रैपर और प्लास्टिक) कैसे अलग किया जाता है। इस गतिविधि ने संज्ञानात्मक क्षमताओं को निखारने, टीमवर्क कौशल को बढ़ाने और पर्यावरण के प्रति सहानुभूति विकसित करने में एक मज़ेदार और संवादात्मक तरीके से मदद की।

इसके साथ ही कक्षा III से V तक के छात्रों ने “रसोई के कचरे से जैविक खाद कैसे बनाएँ” पर एक स्टेप-बाय-स्टेप वर्कशॉप में भाग लिया। इस गतिविधि में दिखाया गया कि कैसे रोज़ाना के रसोई कचरे को एक साधारण बाल्टी या ड्रम में डालकर उपयोगी जैविक खाद में बदला जा सकता है। बच्चों ने खाद बनाने की वैज्ञानिक प्रक्रिया जानी — जैसे गीले और सूखे कचरे को सही अनुपात में मिलाना, नमी बनाए रखना, और समय-समय पर मिश्रण को हिलाना ताकि सड़न की प्रक्रिया सुचारू रहे। 30 से 45 दिनों के भीतर इस खाद का उपयोग स्कूल के बगीचों और गमलों में किया जाएगा, जिससे छात्रों को कचरे से संसाधन बनने का पूरा चक्र दिखाया जाएगा। दोनों गतिविधियाँ इन मूलभूत सिद्धांतों को बहुत सुंदरता से उजागर करती हैं : कचरा प्रबंधन,पुनर्चक्रण और प्राकृतिक चक्र,पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी और स्थायी आदतें।

डॉ. पलक गुप्ता बौरी, डायरेक्टर, सीएसआर इनोसेंट हार्ट्स ने कहा कि इस पहल ने बच्चों के मन पर अमिट छाप छोड़ी है, जिसमें खिलखिलाती मुस्कान और उत्साही भागीदारी इन समृद्ध शिक्षण अनुभवों की सफलता को दर्शाती है। यह शिक्षा, अन्वेषण और क्रियान्वयन का एक आदर्श मिश्रण था, जिसने वास्तव में छोटे पर्यावरण-योद्धाओं को बड़ा परिवर्तन लाने के लिए सशक्त बनाया।

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