Home जालंधर जानिए जालंधर स्पोर्ट्स मार्केट में बदलाव को लेकर कारोबारियों की राय…

जानिए जालंधर स्पोर्ट्स मार्केट में बदलाव को लेकर कारोबारियों की राय…

by Doaba News Line

दोआबा न्यूजलाइन

जालंधर (पूजा, सलोनी, सपना) इस दुनिया में खेल और खेलने का जज्बा हर वर्ग की पसंद है। जहां एक तरफ पूरे वर्ल्ड में क्रिकेट का फीवर देखा जाता है, वहीं दूसरी तरफ अब फुटबाल की खुमारी भी लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रही है। अगर बात करें भारत की तो भारत में हर एक व्यक्ति वो चाहे बच्चा हो या फिर बूढ़ा हर उम्र के लोगों को आईपीएल और क्रिकेट वर्ल्डकप का बेसब्री से इंतजार रहता है। इन दिनों भी क्रिकेट प्रेमियों का त्यौहार आईपीएल चल रहा है।

इसी कड़ी में अब हम बात करने जा रहे हैं, पंजाब के शहर जालंधर की जिसे स्पोर्ट्स का हब माना जाता है। जहां पर हर प्रकार का खेल का सामान बढ़िया क्वालिटी में मिलता है। कहा यह भी जाता है कि इंडियन टीम के पूर्व कप्तान धोनी और वेस्टइंडीज के लेजेंड क्रिकेटर क्रिस गेल को भी जालंधर में बने हुए क्रिकेट बैट बहुत पसंद आते हैं। जालंधर के फुटबॉल चौक के पास स्थित स्पोर्ट्स मार्केट है, जहां पर हर खेल का सारा बढ़िया क्वालिटी में मिलता है। लेकिन पहले और आज के समय में जालंधर स्पोर्ट्स मार्केट में बहुत से बदलाव आये है, यह जानने के लिए दोआबा न्यूज़लाइन की टीम स्पोर्ट्स मार्केट में पहुंची, जहां स्पोर्ट्स कारोबारियों से हमारी टीम ने बातचीत की। इस दौरान भसीन प्राइवेट लिमिटेड, सिक्सर ग्रेटवेज़, केजी स्पोर्ट्स के फैक्ट्री आउटलेट का दौरा किया।

पहले हम भसीन प्राइवेट लिमिटेड के फैक्ट्री आउटलेट में पहुंचे, जहां कंपनी के मालिक नवनीत भसीन ने बताया कि हमारी कंपनी 75 साल पुरानी है। यहां सभी प्रकार का जिम का सामान बनता है। दूसरी और उनके बेटे जुबिन भसीन ने इंडस्ट्री में बदलाव के कई कारण बताए। उनका कहना है कि इंडस्ट्री में पहले के मुकाबले कई बड़े बदलाव आए हैं जैसे कि आज के समय में ग्राहक को हर सामान घर बैठे ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है। पहले उन्हें अपने एजेंट देश भर में भेजने पड़ते थे, अब इंटरनेट के ज़रिए सब कुछ आसान हो गया है। कोरोना के दौरान बाकि कारोबार पर भारी असर पड़ा, लेकिन जिम का कारोबार और भी बढ़ता गया। लोग घर में बैठ कर जिम का समान खरीदने लगे और अपनी सेहत का ख्याल रखने लगे। सरकार अभी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का सहयोग नहीं दे रही पर अगर सरकार उनका साथ देने लगे तो स्पोर्ट्स इंडस्ट्री ओर भी बढ़ने लगेगी।

वहीं जब हमने केजी स्पोर्ट्स के मालिक अनिल महाजन से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सिर्फ मौजूदा सरकार ही नहीं बल्कि कोई भी सरकार स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज का साथ नहीं देती। स्पोर्ट्स उत्पादकों को ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती सिर्फ खिलाड़ियों को ही प्राथमिकता से दिखाया जाता है। अनिल महाजन का कहना है कि सरकार का ध्यान सिर्फ कृषि की ओर जाता है। बड़े-बड़े वादे तो सरकार कर देती है, लेकिन उन पर अमल नहीं करती। केजी कंपनी में क्रिकेट का समान जैसे कि बैट, हेलमेट, दस्ताने, पैड, आर्म गार्ड बनाये जाते है। यह समान हर साल देश-विदेश में मार्च, अप्रैल और मई के महीने भेजा जाता है। अभी भी क्रिकेट के खिलाडियों के लिए जालंधर की स्पोर्ट्स मार्किट से सामान जाता है। हर साल उनकी कंपनी से करीब 25 हजार बैट बन कर एक्सपोर्ट किये जाते हैं। एक बेट की कीमत लगभग 5 हजार रुपये है।

सिक्सर ग्रेटवेज़ के मालिक पर्व ने कहा कि हर किस्म की बॉल हम बनाते है, जो पूरी ऑल इंडिया में भेजी जाती है। गेंद के साथ-साथ हम क्रिकेट सेट, विकेट सेट, प्रोफेशन क्रिकेट का सामान और स्पोर्ट्स शू बनाते है। कैनेडा में हमारी बॉल बहुत मशहूर है। अब ग्राहकों की डिमांड पहले जैसी नहीं रही है, ग्राउंड की कमी होंने के कारण ज्यादातर विंड, आईटेन और सिन्थेटिक गेंद का क्रेज है।

दूसरी राज्य की इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अगर बात करें तो अब के समय में पहले की मार्किट सही थी। ऑनलाइन मार्किट के कारण भी स्पोर्ट्स मार्किट का स्तर गिर रहा है। जालंधर स्पोर्ट्स हब हमेशा रहेगा, लेकिन इसी के साथ सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे और ज्यादा कारोबारियों को फायदा हो।

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