आपदा प्रभावित लोगों को बांटी राहत सामग्री और राशन


दोआबा न्यूज़लाइन

हिमाचल: प्रदेश में भारी बारिश के चलते भारी तबाही देखने को मिली। तेज बारिश, लैंड स्लाइड और फ्लड के कारण कई लोग घरों से बेघर हो गए। वहीं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को स्वयं राहत सामग्री वितरित की। बीते कल सीएम सुक्खू ने जिला मंडी के आपदा प्रभावित थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों को स्वयं राहत सामग्री बनती और आगे भी बनती मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री सेना के हेलीकॉप्टर से सरकाघाट से थुनाग के रैन गलू हैलीपैड पहुंचे, जहां उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
उन्हें सूचना मिली थी कि थुनाग क्षेत्र का सड़क संपर्क कट गया है और वहाँ खाद्य सामग्री समाप्त हो चुकी है। ऐसी स्थिति में उन्होंने जिला प्रशासन को तुरंत हवाई मार्ग से राहत सामग्री पहुँचाने के निर्देश दिए। थुनाग और जंजैहली उप-मंडल में हाल ही में बादल फटने की घटनाओं के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए हवाई मार्ग से राहत सामग्री पहुंचाने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है। जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई 1000 राहत किटों में आटा, चावल, दाल, तेल, नमक तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। आज की हवाई राहत कार्रवाई के तहत कुल 172 राहत किट वितरित की गईं, जिनमें से 90 किटें रैन गलू हैलीपैड पर तथा 82 किटें जंजैहली क्षेत्र में पहुंचाई गईं।
वहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविरों की स्थापना की गई है, जिनमें से एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय, थुनाग में संचालित किया जा रहा है। यहाँ वर्तमान में 200 से अधिक प्रभावित लोगों ने शरण ली है और उन्हें भोजन, दवाइयाँ एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री प्रातः 9 बजे नादौन से प्रस्थान कर सड़क मार्ग से मंडी जिला के धर्मपुर पहुँचे, जहाँ उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावितों से बातचीत की। उसके बाद उन्होंने सरकाघाट में मूसलाधार बारिश से हुए प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

वहीं इसके साथ ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला मंडी के धर्मपुर क्षेत्र में पाड़छू पुल के निकट हुए नुकसान का निरीक्षण किया। हाल ही में क्षेत्र में पानी जमा होने से एक अस्थायी झील बन गई थी, जिससे उसके समीप बने मंदिर और शमशान घाट को नुकसान हुआ है।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री को स्थिति से अवगत करवाया।

इसके साथ ही सीएम सुक्खू ने बीते बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर में लौंगणी पंचायत के आपदा प्रभावित स्याठी गांव का दौरा भी किया। उन्होंने बादल फटने से प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। बादल फटने की घटना से 61 लोग प्रभावित हुए हैं तथा घरों, गौशालाओं और पशुओं को काफी नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन मंडी ने प्रभावितों को 1.70 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, राशन आपूर्ति, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री सहित तत्काल सहायता प्रदान की है।
वहीं प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है तथा आपदा के इस मुश्किल दौर में व्यक्तिगत रूप से आपका दुख साझा करने आया हूं। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों को हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। बाद में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिला में मूसलाधार बारिश के कारण भारी तबाही हुई है। स्याठी गांव में भूस्खलन से 20 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 61 लोगों को समय रहते सुरक्षित राहत शिविरों में आश्रय दिया गया है। उन्होंने चट्टानी सतह के खिसकने के कारणों का पता लगाने तथा अध्ययन किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाली के लिए कर्मचारी समर्पित भाव से काम में जुटे हुए हैं। कर्मचारियों की तत्परता से बगस्याड़ में सड़क को बहाल कर दिया गया है। मंडी जिला में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं।
इस अवसर पर कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।