आपातकालीन स्थिति में थोड़ी सी सूझबूझ से बचाई जा सकती है किसी की कीमती जान: DC
जालंधर: जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न स्कूलों में जाकर ‘चेतना’ परियोजना अधीन विद्यार्थियों को ‘लाइफ सेविंग स्किल्स’ की ट्रेनिंग दी जा रही है। ताकि बच्चे स्वास्थ्य आपात स्थिति एवं दुर्घटनाओं में बहुमूल्य जीवन बचाने में योगदान दे सकें। डिप्टी कमिश्नर डॉ.हिमांशु अग्रवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य छात्रों को स्वास्थ्य आपात स्थिति और दुर्घटनाओं के दौरान डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले रोगी/घायल की जान कैसे बचाई जाए, इसके बारे में ट्रेनिंग देना है ताकि अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सके।
कहा, अब तक विभिन्न स्कूलों के 2 हजार से अधिक विद्यार्थियों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत 14 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है, जिसमें उन्हें कार्डियोजेनिक शॉक, न्यूरोलॉजिकल शॉक, दौरे, सड़क दुर्घटना, रक्तस्राव, सांप के काटने, कुत्ते के काटने, डूबने, जलने/झुलसने की स्थिति में पीड़ितों को दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा के संबंध में ट्रेनिंग दी जा रही है। डीसी ने कहा कि इस परियोजना के तहत ए.पी.जे. स्कूल, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कुदोवाल और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल भार्गव कैंप में विद्यार्थियों को ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है और आने वाले दिनों में जिले के अन्य स्कूलों को भी इस परियोजना के तहत कवर किया जाएगा।
डीसी ने कहा कि अब तक विभिन्न स्कूल के 2 हजार से अधिक विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि आपातकालीन स्थिति के पहले कुछ घंटों में थोड़ी सी समझदारी और सरलता से एक अनमोल जीवन बचाया जा सकता है। बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा सचिव इंदरपाल सिंह के नेतृत्व में जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से चेतना परियोजना अधीन शिक्षकों को लाइफ सेविंग स्किल्स’ ट्रेनिंग दी जा रही है।