दोआबा न्यूज़लाईन (धर्म)
भारतवर्ष का सबसे प्रसिद्ध हिंदू त्यौहार महाशिवरात्रि को माना जाता है। इस दिन भक्त मंदिर में जाकर महाकाल शिव की आराधना करते है।
शिवरात्रि या महाशिवरात्री त्यौहार हिंदू मंदिरों में पूरी भव्यता के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी 8 मार्च को बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा। इस दिन महादेव को खुश करना बहुत आसान होता है, जिसपर भोले की कृपा हो जाएं, उसकी बिगड़ी बात बन जाती है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को हर साल महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। शिवरात्रि दिव्य और चमत्कारी शिव कृपा का महापर्व है।
हिन्दू परम्परा के अनुसार इस दिन शिव शंकर का विवाह हुआ था। वहीं शिवजी का प्राकट्य भी इसी दिन हुआ था। शिवरात्रि की प्रतेक पहर शुभ मानी जाती है। महाशिवरात्रि के शुभावसर पर माँ पार्वती ओर शंकर जी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन चार पहर में पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन निर्जला व्रत रखना या केवल फलाहार व्रत रखना अच्छा होता है। सुबह जल्दी उठें, स्नान कर साफ सुथरे वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के नजदीक भोले शंकर के किसी मंदिर में जाएं। भगवान शिव का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
फिर भोलेनाथ या शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, सफेद चंदन, इत्र, जनेऊ, फल और मिठाइयां चढ़ाएं. भगवान शिव को केसर युक्त खीर का भोग लगाकर प्रसाद बांटें. ये पूजा की वो विधि है जिससे भक्तों को भगवान का वरदान ही नहीं मिलता, बल्कि हर दर्द, हर तकलीफ से मुक्ति भी मिल जाती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त जानें
प्रथम प्रहर की पूजा समय- 8 मार्च शाम 06.25 बजे से रात्रि 09.28 बजे तक
दूसरे प्रहर की पूजा का समय-रात 09.28 बजे से 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे तक
तीसरे प्रहर की पूजा का समय- 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे से सुबह 03.34 बजे तक
चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- 9 मार्च को सुबह 03.34 बजे से सुबह 06.37 बजे तक