दोआबा न्यूज़लाईन
टकसाली बोले-सुखबीर त्याग भावना दिखाएं
जालंधर : शिरामणि अकाली दल में बगावती सुर बजने शुरू हो गए है। लोकसभा-विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद अकाली दल के बीच मनमुटाव शुरू हो गया है। जिसका जीता जागता सबूत तब देखने को मिला जब जालंधर में कुछ बागी नेताओं ने बैठक की और पार्टी अध्यक्ष की लीडरशिप के नेतृत्व पर सवाल उठाए, जबकि दूसरी तरफ चंडीगढ़ में सुखबीर बादल के नेतृत्व में नई रणनीतियों पर विचार किया गया।
सुखबीर सिंह बादल ने चंडीगढ़ में पार्टी मुख्यालय में शिरोमणि अकाली दल के जिला अध्यक्षों और निर्वाचन क्षेत्र प्रभारियों की बैठक की अध्यक्षता की। पार्टी के जिला अध्यक्षों ने पंथ और पंजाब को नेतृत्वहीन बनाने के लिए सरकारों द्वारा की जा रही साजिशों की कड़ी निंदा की।
पार्टी ने साफतौर पर स्पष्ट किया कि भाजपा और सरकारी एजेंसियां अकाली दल को कमजोर करने और तोड़ने की साजिशों में शामिल है।
भाजपा द्वारा समानांतर पार्टी बनाने या पार्टी को अंदर से कमजोर करने के लिए अवसरवादी लोगों को पाला गया है। चंडीगढ़ में हुई इस अहम् बैठक में सुखबीर बादल के नेतृत्व में नई रणनीतियों पर विचार किया गया। अकाली दल ने स्पष्ट किया है कि भाजपा से गठबंधन के बगैर पंजाब में लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय बिलकुल सही था। पंजाब में राजनितिक दल पंजाबियत को खतरे में धकेल रहे है।
दूसरी तरफ बगावती सुर छेड़ते हुए अकाली दल के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने SAD के प्रधान सुखबीर बादल से इस्तीफा मांगते हुए 1 जुलाई को श्री अकाल तख़्त साहिब के समक्ष पेश होकर अरदास उपरांत ”शिरोमणि अकाली दल बचाओ” लहर के आगाज का फैसला किया। बैठक में शामिल हुए प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप वडाला, सुरजीत रखड़ा, चरणजीत बराड व अन्य नेताओं ने कहा कि पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को त्याग की भावना दिखाने को कहा। शिरोमणि अकाली दल के अर्श से फर्श पर आने के लिए जो भी पार्टी से गलतियां हुई है, 1 जुलाई को श्री अकाल तख़्त साहिब के समक्ष लिखत क्षमा याचना पत्र दिया जायेगा।