दोआबा न्यूज़लाईन
पंजाब : पंजाब की राजनीति से इस समय की बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल 2023 को खारिज कर दिया। अब पहले की तरह पंजाब के गवर्नर ही यूनिवर्सिटीज के चांसलर रहेंगे। बिल के अधीन राज्य की 12 स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर की शक्ति गवर्नर से लेकर मुख्यमंत्री को दी थी।
गौरतलब है की यह विवाद कई महीनों से चल रहा है। गवर्नर ने बिल को मंजूरी नहीं दी थी। जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। इसके बाद गवर्नर ने बिल राष्ट्रपति को भेज दिया था। करीब 5 महीने गवर्नर की तरफ से राज्य सरकार के बिलों को पेंडिंग रखा गया। इसके बाद पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। 6 नवंबर 2023 को सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि 7 महीने से गवर्नर ने बिल अपने पास रोके हुए हैं। कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल इस मामले को ध्यान में रखें कि उन्हें जनता ने नहीं चुना है।
क्या है इस नए बिल में
सरकार इस बिल के जरिए सरकारी यूनिवर्सिटी की पावर गवर्नर से लेकर मुख्यमंत्री को देना चाहती है। इसके बाद भी गवर्नर व पंजाब सरकार के बीच टकराव की स्थिति खत्म नहीं हुई। 6 दिसंबर को गवर्नर ने सरकार को बताया कि उक्त बिल को आरक्षित रखा गया है। इन बिलों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सलाह लेकर फैसला लेंगे। जिसके बाद अब राष्ट्रपति भवन से यह बिल वापस भेजे गए हैं।