दोआबा न्यूज़लाईन
जालंधर (सलोनी) : भारती किसान यूनियन एकता सिद्धुपुर जिला जालंधर के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह मचयाना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पिछले साल 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि एक अक्टूबर से शुरू हुई धान की फसल की खरीद धान के सीजन के अंत तक ठीक से शुरू नहीं हो पाई और पंजाब सरकार की नाक के नीचे किसानों के बेटों की तरह पाला पड़ा। धान की फसल का मुनाफा एमएसपी से 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल कम था, शेलर मालिकों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर इसे खरीदा और पंजाब सरकार मूकदर्शक बनी किसानों की लूट देखती रही। वहीं, पंजाब सरकार के धान की खरीद एमएसपी से ऊपर होने के दावे अखबारों और टीवी चैनलों के बयानों तक ही सीमित रहे। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि किसान एक साल से अधिक समय से सीमाओं पर बैठे हैं और एमएसपी गारंटी कानून के लिए आंदोलन कर रहे हैं ताकि कोई भी मुनाफाखोर सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों को लूट न सके।
आगे बात करते हुए कुलविंदर सिंह माछियाना ने कहा कि धान का सीजन शुरू होने से पहले पंजाब सरकार को पिछले साल का चावल सेंट्रल पूल में भेजना चाहिए था और नई फसल के भंडारण के लिए सभी गोदाम खाली कर देने चाहिए थे। लेकिन पिछले साल अगर पंजाब सरकार को छह महीने पहले तैयारी करनी चाहिए थी तो धान का सीजन शुरू होने के बाद की गई और पंजाब सरकार की उस अक्षमता के कारण किसानों के बेटों की तरह उगाई गई फसल सरकार को नहीं दी गई। मुनाफाखोरों ने अधिकारियों के साथ मिलकर एमएसपी से नीचे खरीद कर किसानों को लूटा है, जिसे रोकने की बजाय पंजाब सरकार ने उस लूट में सहयोग किया है, इसलिए अब भी समय रहते पंजाब सरकार को नई फसल के भंडारण की अग्रिम व्यवस्था करनी चाहिए।
इस अवसर पर उनके साथ जिला अधीक्षक परहत सिंह सरहाली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दलजीत सिंह, जिला सचिव गुरविंदर सिंह बजूहा, महासचिव परमजीत सिंह, उपाध्यक्ष हरजिंदर सिंह, नकोदर ब्लॉक अध्यक्ष हरनेक सिंह गुराया, बारलॉक अध्यक्ष सुखबीर सिंह, फिलोर ब्लॉक अध्यक्ष बलजिंदर सिंह प्रितपाल सिंह आदि मौजूद थे।