दोआबा न्यूज़लाईन (जालंधर/शहर)
जालंधर: (सतपाल शर्मा) पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने अभी तक 2 साल का समय भी नहीं हुआ है लेकिन इस दौरान जालंधर में 7वें नगर निगम कमिश्नर की नियुक्ति हो चुकी है। नवनियुक्त नगर निगम कमिश्नर IAS गौतम जैन हैं जोकि एक दो दिन में अपना कार्यभार संभाल लेंगे।
बता दें कि इससे पहले के निगम कमिश्नर आदित्य उप्पल जालंधर में अपना 2 महीने का समय भी पूरा नहीं कर पाए। वह अच्छी तरह से निगम के अधिकारियों से जान पहचान भी नहीं कर पाए थे कि उनका तबादला हो गया। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद सबसे पहले निगम कमिश्नर करनेश शर्मा को बदल दिया गया। उसके बाद दीपशिखा का तबादला भी दो महीने में ही कर दिया गया। उनके बाद IAS दविंदर सिंह ने जालंधर निगम कमिश्नर का कार्यभार संभाला, लेकिन वह ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए। उनके जाने के बाद अभिजीत कपलिश को जालंधर के निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी गई। यहां यह बात बताने योग है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में सबसे ज्यादा समय अभिजीत कपलिश ने जालंधर निगम कमिश्नर के रूप में बिताया। उनके बाद डॉ ऋषिपाल सिंह को नगर निगम कमिश्नर लगाया गया, लेकिन वह भी ज्यादा लम्बे समय तक नहीं टिक पाए। उनके बाद आए युवा IAS आदित्य उप्पल भी निगम कमिश्नर के तौर पर 2 महीने का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके। अब उनकी जगह लगाए गए युवा IAS गौतम जैन जालंधर नगर निगम का पदभार संभालेंगे। इतनी जल्दी ट्रांसफर होने पर जालंधर के लोग भी हैरान हैं। निगम के अधिकारियों और बाकी स्टाफ मेंबर्स में भी यह चर्चा का विषय बन चुका है।
अब कौन जिम्मेवार है पेंडिंग कार्यों और शहर की खस्ता हालत के लिए:
जिस तरह हर तीन चार महीने में नगर कमिश्नरों का तबादला किया जा रहा है और नए अधिकारी की तैनाती की जा रही है। इसको लेकर अब यह चर्चा का विषय बन चुका है कि शहर की खस्ता हालत की जिम्मेदारी किसकी है। पहले से ही लगभग एक साल से जालंधर बिना मेयर के चल रहा है। अब लगातार तबादलों के कारण शहर को लेकर कोई प्लानिंग ही नहीं बन पा रही।
बता दें कि जिस तरह तबादलों का दौर चल रहा है नए अधिकारी को एक दो महीने तो सिस्टम को समझने, अपने स्टाफ और साथी अधिकारियों से जान पहचान में ही लग जाते हैं। जिस प्रकार थोड़े समय में इतने कमिश्नरों के तबादले हो गए, उसके कारण पेंडिंग कार्यों के ढेर लग चुके हैं। शहर की साफ़ सफाई की बात करें तो खस्ता हालत हो चुकी है। कूड़े को लेकर, सीवरेज की समस्यों को लेकर, शहर में स्ट्रीट लाइटों को लेकर किसी का भी ध्यान नहीं है। लोगों की समस्यों को लेकर भी कोई सुनवाई नहीं है।