दोआबा न्यूज़लाईन
जालंधर: वज्र कोर ने 9वें त्रि-सेवा वयोवृद्ध दिवस और 77वें सेना दिवस को सम्मान, कृतज्ञता और सौहार्द के मार्मिक प्रदर्शन के साथ मनाया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन वयोवृद्धों के निस्वार्थ बलिदान और अमूल्य योगदान का सम्मान किया गया जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।
भारत के पहले सेना कमांडर-इन-चीफ, दिवंगत फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा की सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में 14 जनवरी को प्रतिवर्ष वयोवृद्ध दिवस मनाया जाता है, 15 जनवरी को मनाया जाने वाला सेना दिवस, 1949 में भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में उनकी ऐतिहासिक नियुक्ति का स्मरण कराता है।
समारोह की शुरुआत वज्र युद्ध स्मारक पर एक भव्य पुष्पांजलि समारोह के साथ हुई, जहां लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया, एवीएसएम, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) वज्र कोर ने शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी , तीनों सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वयोवृद्धों ने भी राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि देते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। वज्र सैनिक संस्थान में आयोजित एक बातचीत और अभिनंदन कार्यक्रम में 200 से अधिक वयोवृद्ध, वीर नारियों और उनके परिवारों ने भाग लिया इस अवसर पर सेना के पाइप बैंड द्वारा बजाए गए “वी फॉर वेटरन्स” की प्रेरक धुनों से गूंज उठा।
वज्र वेटरन्स सहायता केंद्र, सेना कल्याण प्लेसमेंट संगठन, रक्षा पेंशन संवितरण कार्यालय और जिला सैनिक बोर्ड द्वारा मौके पर ही सहायता प्रदान कर वेटरन्स और उनके परिवारों की शिकायतों का समाधान किया गया I