दोआबा न्यूज़लाईन: (नेशनल)
पूरे भारत में एक परिवर्तनकारी अभियान चल रहा है। विकसित भारत संकल्प यात्रा, आशा का एक जीवंत कारवां है। यह सभी भारतीयों के घरों तक सशक्तिकरण और उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करना और योजनाओं के शत प्रतिशत संतृप्ति के लिए “जनभागीदारी” की भावना में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना है। यह भारत सरकार की अब तक की सबसे बड़ी आउटरीच पहल है। यह पहल 25 जनवरी, 2024 तक देश भर में 2.60 लाख ग्राम पंचायतों और 4000 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करेगी।
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आज प्रधानमंत्री विकसित भारत संकल्प यात्रा के उन लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे जिन्हें सरकारी योजनाओं से लाभ प्राप्त हुआ है। इस यात्रा के दौरान यह इस तरह की तीसरी बातचीत होगी। प्रधानमंत्री राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विकसित भारत संकल्प यात्रा को भी हरी झंडी दिखाएंगे। केवल एक महीने की छोटी सी अवधि में यह यात्रा देश की 68,000 ग्राम पंचायतों (जीपी) में 2.50 करोड़ से अधिक गरिकों तक पहुंच गई है। इसके अलावा लगभग 2 करोड़ व्यक्तियों ने विकसित भारत संकल्प भी लिया है और केंद्र सरकार की योजनाओं के 2 करोड़ से अधिक लाभार्थियों ने “मेरी कहानी मेरी जुबानी” पहल के तहत अपने अनुभव साझा किए हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा न केवल एक भरोसा है, बल्कि वास्तविक सुधारों से भरी एक यात्रा है।
इस यात्रा के बारे में जम्मू-कश्मीर के कटरा के गणेश शर्मा की कहानी केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव का एक सशक्त उदाहरण है। उसके अनुसार एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण गणेश के पैर में फ्रैक्चर हो गया। उन्होंने उपचार के लिए प्रयास किया और अन्य वैकल्पिक दवाओं की भी तलाश की लेकिन उनके ये प्रयास असफल साबित हुए, जिससे गणेश निराशा हो गए। हालांकि आयुष्मान भारत योजना के रूप में आशा की एक किरण दिखी। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से सरकार ने उनके इलाज की लागत को कवर किया, जिससे गणेश को उनकी आवश्यक स्वास्थ्य सेवा मिल सकी।
वहीं दूसरी कहानी नागालैंड के दीमापुर की एक स्ट्रीट वेंडर रीता घोष की है उनका कहना है कि समावेशी विकास पर केंद्र सरकार का जोर लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है। रीता को पारंपरिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे उनके व्यवसाय को बढ़ाने की क्षमता में बाधा आ रही थी। हालांकि पीएम स्वनिधि की मदद से रीता एक ऋण प्राप्त करने में सफल रहीं, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय में निवेश करने और अपनी आय बढ़ाने में मदद मिली।