दोआबा न्यूज़लाईन
केरल : केरल के वायनाड में जो आपदा हुई है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। वहीं लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 341 पहुंच गई है। इन सभी शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इनमें 146 शवों की पहचान हो चुकी है। 134 लोगों के शरीर के सिर्फ टुकड़े बरामद हुए हैं।
फिलहाल मलबे में दबे शवों को ढूंढने का काम चल रहा है। कई जगह जमीन के अंदर मलबे में 20 से 30 फीट तक शवों के दबे होने की आशंका है। सेना ने ऐसे इलाकों को सैनेटाइज करने के लिए डीप सर्च रडार मंगाया है। यह रडार जमीन के अंदर 80 मीटर तक की गहराई में इंसानों के फंसे होने का पता लगाता है। वायनाड लैंडस्लाइड के सर्च ऑपरेशन का आज यानी शनिवार को पांचवा दिन है।
केरल में लैंडस्लाइड के बाद 220 लापता, 151 मौतें, बचाव कार्य जारी
केरल : केरल के वायनाड में हुई आपदा के बाद जान-माल का बहुत नुकसान हो गया है। तेज बारिश के बाद हुई लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 151 हो गई है। 131 लोग अस्पताल में हैं, जबकि 220 लोगों के लापता होने होने की सूचना मिली है।
इस लैंडस्लाइड में देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं। रेस्क्यू का आज दूसरा दिन है। मौसम विभाग ने वायनाड समेत 5 जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
केरल: केरल के वायनाड में बीती देर रात तेज बारिश की वजह से 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड की खबर सामने आई हैं। जिसके कारण इलाके में काफी नुकसान हुआ है। इलाके में लैंडस्लाइड और तेज बारिश के कारण मलबा आने की वजह से 4 गांव बह गए बताए जा रहे हैं। वहीं बीते दिनों हुई तेज बारिश के कारण कई घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी साथ बह गई हैं।
जानकारी के अनुसार अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 70 लोग अस्पताल में उपचाराधीन हैं। वहीं 400 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। घटना देर रात 2 बजे की बताई जा रही है। घटना की सूचना के बाद मौके पर रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौजूद हैं। वहीं कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। जिसमें मेडिकल टीम भी शामिल हैं। इसके अलावा एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं। खबर है कि वायनाड के 4 गावों मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है।
गौर करने योग्य है कि 5 साल पहले 2019 में भी मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी और 52 घर तबाह हो गए थे। जानकारी के अनुसार उनमें से 5 लोगों का आज तक पता नहीं चल पाया है।