Friday, September 20, 2024
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GNA यूनिवर्सिटी की टीम राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में रही उप विजेता

by Doaba News Line

रनर-अप ट्राफी के साथ टीम को मिला 1.40 लाख का नकद पुरस्कार

दोआबा न्यूज़लाईन (जालंधर/एजुकेशन)

जालंधर/फगवाड़ा: फगवाड़ा की जी.एन.ए. यूनिवर्सिटी की टीम ब्रेनियाक्स बीटेक मैकेनिकल और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग (एम.ए.ई.) और बी.टेक. रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग (आर.ए.ई) ने एम.पी.के.वी. राहुरी, महाराष्ट्र में आयोजित प्रतिष्ठित एस.ए.ई. इंडिया टिफान-24 प्रतियोगिता में अपने इंजीनियरिंग कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए उप-विजेता का सम्मान जनक खिताब अपने नाम किया है।

डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, डिजाइन एंड ऑटोमेशन डॉ. सी.आर. त्रिपाठी ने बताया कि यह कार्यक्रम एस.ए.ई. इंडिया द्वारा आयोजित किया गया था और उद्योग के दिग्गज जॉन डीरे और महिंद्रा द्वारा प्रायोजित था, जिसमें सारे भारत से से 80 टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई। जी.एन.ए. विश्वविद्यालय के ब्रेनियाक्स ने अपने अभिनव प्रोजेक्ट, एक स्वचालित मल्टी वेजिटेबल ट्रांसप्लांटर के साथ गहरी छाप छोड़ते हुए एक लाख रुपए के नकद पुरस्कार के साथ-साथ उप विजेता ट्रॉफी भी अपने नाम की।

इसके अलावा सर्वोत्तम लागत प्रभावी मशीन और सर्वश्रेष्ठ कार्यशील प्रोटोटाइप के लिए भी अलग से क्रमश: 25 हजार और पन्द्रह हजार रुपए के पुरस्कार हासिल हुए हैं। इस तरह टीम ने कुल एक लाख 10 हजार रुपए की नगद राशि जीती है। डॉ. त्रिपाठी के अनुसार पुरस्कार समारोह में डॉ. पी.जी. पाटिल उप कुलपति एम.पी.के.वी. राहुरी, मनीष पंत, बिजनेस निदेशक ईटीईसी जॉन डीरे, नेहा मिश्रा टेक्निकल डायरेक्टर ऑफ कमिंस और कृष्णत पाटिल चेयरपर्सन एस.ए.ई. इंडिया ऑफ-हाईवे सहित अन्य हस्तियां उपस्थित थीं। यह पुरस्कार फैकल्टी एडवाइजर योगेश ठाकुर, टीम कैप्टन अखिल डडवाल और टीम के सभी सदस्यों ने संयुक्त रूप से ग्रहण किया।

वहीं डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि विजेता टीम ने जहां जी.एन.ए. विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है, वहीं महत्वाकांक्षी युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए प्रेरणा भी बनी है। जी.एन.ए. विश्वविद्यालय के कुलपति गुरदीप सिंह सिहरा, उप कुलपति डॉ. वी.के. रतन, प्रो वाइस चांसलर डॉ. हेमंत शर्मा, डीन अकादमिक डॉ. मोनिका हंसपाल ने विजेता टीम को शुभकामनाएं दी और सभी फैकल्टी सदस्यों की इस उपलब्धि में दिये सहयोग को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने स्टूडेंट्स को विश्व स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने और अपने अर्जित ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए भी प्रेरित किया।

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