दोआबा न्यूज़लाईन (चंडीगढ़ /राजनीती)
चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जहां सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अब दोबारा होंगे।
चंडीगढ़ में नगर निगम के मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की कॉपी चंडीगढ़ प्रशासन के पास पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को भी रद्द कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से चुनाव का बिगुल बज गया है। हालांकि पुराने उम्मीदवार ही इस जंग में भाग लेंगे। गौर करने योग्य है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में इतना तनाव देखने को मिला है। ऐसे में यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि जो तीन आम आदमी पार्टी के पार्षद भाजपा में चले गए थे उनकी घर वापसी भी हो सकती है।
बता दें कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नए मेयर कुलदीप कुमार की अध्यक्षता में कराया जाएगा। इसके लिए उम्मीदवारों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। जिन्होंने पहले नामांकन किया था, वही उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में सीनियर डिप्टी मेयर के लिए बीजेपी की तरफ से कुलदीप सिंह संधू और गठबंधन की तरफ से गुरप्रीत गापी उम्मीदवार होंगे। डिप्टी मेयर के लिए भाजपा के राजेंद्र सिंह और गठबंधन से निर्मला देवी उम्मीदवार रहेगी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली में आया नया मोड़, नए मेयर होंगे कुलदीप कुमार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया है। इस मामले में आज यानि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के घोषित किए गए नतीजे को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए वैध रूप से निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जाए। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब AAP नेता कुलदीप कुमार चंडीगढ़ के नए मेयर बन गए है।
चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी में जशन का माहौल है। इसके साथ ही इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को तीन हफ्ते के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने को कहा है।
क्या था मामला, क्यों हुई थी धांधली
चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर चुनाव आयोजित किए गए थे। इस चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने जीत दर्ज की थी। चुनाव में सोनकर को 16 तो वहीं, कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे। वहीं, 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे। हालांकि, चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली में आया नया मोड़, माननीय सुप्रीम कोर्ट दिए नए निर्देश, पढ़ें
चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव की धांधली को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा बैलट पेपर्स की गिनती कर चंडीगढ़ मेयर का चुनाव किया जाना चाहिए। इसमें उन बैलट पेपर्स को शामिल ना किया जाए, जिन पर रिटर्निंग अफसर ने निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर्स कोर्ट में पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। इस मामले में अदालत मंगलवार को 2 बजे चुनाव का पूरा वीडियो और बैलट पेपर्स की जांच करेगी। अदालत ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई है, उन्होंने मसीह से पूछा- आपने बैलट पेपर्स पर X का निशान क्यों लगाया। इस पर मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 खराब बैलट पर निशान लगाए।
सारी घटना को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह पर अलग केस चलना चाहिए। चंडीगढ़ मेयर के लिए 30 जनवरी को वोटिंग हुई थी। यहां पहली पर I.N.D.I. गठबंधन के तहत AAP-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। जिसमें एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग की। वोटिंग के बाद चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट की घोषणा की। जिसमें भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे। जिसके बाद इस का जमकर विरोध देखने को मिल रहा है।
राजनीति में कुछ भी हो सकता है, चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद यह साफ देखने को मिला है। AAP के 3 पार्षदों के भाजपा में आने के बाद नगर निगम में पूरी तरह समीकरण बदल जाएंगे। एक सांसद को मिलाकर पहले से ही BJP के पास 15 वोट हैं। 3 AAP पार्षदों के BJP जॉइन करने से यह आंकड़ा 18 हो गया। एक अकाली दल का वोट मिला कर ये संख्या 19 हो जाएगी।