दोआबा न्यूज़लाईन (देश/धर्म)
दोआबा न्यूज़लाईन (सपना ठाकुर): साल 2024 के चैत्र नवरात्रि 8 अप्रैल को शुरू होने जा रहे हैं और यह 17 अप्रैल को समाप्त होंगे। इन 9 दिनों में लोग अपने घरों में विराजमान माता रानी के स्वरूप की श्रदा भाव से पूजा अर्चना करेंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ये नौ स्वरूप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री हैं।कई भक्त तो इन 9 दिनों में व्रत रखते हैं जिसमें वे अन्न का सेवन तक नहीं करते सिर्फ फलाहार ही खाते हैं।
नवरात्रि में भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। लोग अष्टमी और नवमी तिथि को माता रानी की कंजकें भी अपने घरों में बिठाते हैं। कंजकों में लोग कन्यायों को भोग लगा कर उन्हें दक्षणा और सुंदर उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं क्योंकि यह मान्यता है कि छोटी कन्यायों में माता रानी खुद विराजमान होती है।
लोग नवरात्री में कई उपाय करते हैं जिससे माता रानी उनके घर में खुशहाली लाए, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करे और उनपर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखे। वहीं साथ ही नवरात्री में कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें निषेध माना गया है। मान्यता के अनुसार अगर नवरात्री में हम ऐसा करते हैं तो माता रानी हमसे रुष्ट हो जाती है। आईये हम आपको बताएं कि इन नवरात्री आप क्या करें जिससे आपके घर में मातारानी की अटूट कृपा बरसे और ऐसा क्या न करें जिससे माता रानी आपसे नाराज न हो।
नवरात्री में ऐसे करें मां की आराधना :-
1. नवरात्रि के नौ दिन माता रानी का व्रत रखने से व्रती को उनकी कृपा जल्द मिलती है। अगर पूरे 9 दिन संभव न हो तो पहले, चौथे और आठवें दिन का उपवास जरूर करें। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करती है।
2. पहले नवरात्रि के दिन पूजा स्थान पर मां दुर्गा, लक्ष्मी और मां सरस्वती के चित्रों की स्थापना करें। स्थापना के बाद इन्हें फूलों से सजाकर विधिपूर्वक इनका पूजन करें।
3. नवरात्री के 9 दिन घर में माता रानी के नाम की अखंड ज्योति जरूर जलाएं। अगर संभव न हो तो सुबह- शाम मां दुर्गा के नाम की ज्योति जरूर जलानी चाहिए। नवरात्री के दौरान मां के नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ का जाप करना उत्तम रहता है।
4. नवरात्री के 9 दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे मां आपकी सारी मनोकामनाएं जल्द पूरी करेगी।
5. मां दुर्गा की पूजा हमेशा लाल रंग के आसन पर बैठ कर ही करनी चाहिए। दुर्गा मां की पूजा खत्म होने के बाद इस आसन को प्रणाम करें और इसे लपेटकर सुरक्षित जगह पर रख दें। वहीं माता रानी की पूजा भी लाल रंग के वस्त्र धारण करके ही करनी शुभ मानी गई है।
6. मां दुर्गा को भोग में सुबह के समय शहद मिला दूध अर्पित करें। पूजन के बाद इसे ग्रहण करने से आत्मा और शरीर को बल की प्राप्ति होती है।
नवरात्री में मां की कृपा पाने के लिए क्या न करें:-
1. नवरात्री के दौरान माता रानी के प्रशाद में टूटे हुए नारियल का इस्तेमाल भूल कर भी न करें। कलश स्थापना में भी नारियल का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए माता रानी के प्रशाद में या कलश स्थापना में कही भी टूटे हुए नारियल का इस्तेमाल वर्जित है।
2. हर प्रकार की पूजा में अक्षत (चावल) का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन नवरात्री की पूजा में ध्यान रखें कि चावल के दाने टूटे यानी खंडित न हों। क्योंकि पूजा में खंडित चावलों का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है।
3. नवरात्री के 9 दिनों में माता रानी को लगाए जाने वाले विभिन्न भोगों में लहसुन प्याज का इस्तेमाल करना वर्जित है। दरअसल लहसुन प्याज तामसिक प्रवृत्ति का भोज्य पदार्थ माना जाता है।
4. नवरात्री के पावन 9 दिनों में मांस-मदिरा का सेवन भी वर्जित माना जाता है।
5. नवरात्री के दिनों में माता रानी को लाल रंग के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है क्योंकि मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प बेहद प्रिय हैं। वहीं लाल रंग के फूलों के अलावा माता रानी को कमल, गुड़हल, गुलाब और गेंदे का फूल भी चढ़ा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि कनेर, धतूरा और मदार के पुष्प माता रानी को भूल कर भी न चढ़ाएं।