Thursday, October 30, 2025
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MSME सेक्टर को मज़बूत बनाने के लिए इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को दिए सुझाव

by Doaba News Line

दोआबा न्यूज़लाइन

ईईपीसी कार्यालय में हुई बैठक, जहां कारोबारियों ने इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसो. डायरेक्टर को सौंपा मेमोरंडम

जालंधर: शहर के फोकल पॉइंट में स्थित EEPC कार्यालय में आज एक बैठक हुई जिसमें जालंधर के कारोबारी इकट्ठे हुए। जहां पर केंद्र सरकार के एमएमएमई यानी माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज मंत्रालय के अफसर एक वर्कशाप में पहुंचे थे। यहां भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई (MSME) सेक्टर को और मज़बूत बनाने के लिए इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को कई ज़रूरी सुझाव दिए हैं। यह सुझाव बैठक में एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारियों को सौंपे गए।

बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ओ.पी. सिंह (डायरेक्टर), इशिता थमन (डायरेक्टर), कनू थिंद (जॉइंट डायरेक्टर ) और मैडम नरिंदर कौर (असिस्टेंट कमिश्नर, सेल्स टैक्स ) को एक मेमोरेंडम सौंपा। इसमें उद्योगों की दिक्कतों और उनके समाधान के लिए कई अहम सुझाव रखे गए। इस मौके पर जिम उद्योग समूह के प्रमुख संदीप शारदा, औद्योगिक विशेषज्ञ राजीव जयरथ तथा अन्य कई उद्योग प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

मुख्य सुझाव :-

1️⃣ सीएलसीएस-टीयूएस योजना को दोबारा शुरू किया जाए, ताकि एमएसएमई इकाइयाँ नई मशीनें और तकनीक लगाकर लाभ ले सकें।

2️⃣ निर्यात करने वाले उद्योगों को राहत दी जाए। अमेरिका में टैक्स बढ़ने से नुकसान हो रहा है, इसलिए सरकार को ब्याज सहायता योजना (इंटरेस्ट सबवेंशन), ड्यूटी ड्रॉबैक (ड्यूटी ड्रॉबैक)आदि योजनाओं में बढ़ोतरी करनी चाहिए।

3️⃣ विदेशी प्रदर्शनियों में भाग लेने के नियम आसान किए जाएँ, ताकि 10 की जगह 5 कंपनियाँ मिलकर भी भाग ले सकें और उन्हें अधिक सहायता मिल सके।

4️⃣ जो उद्योगपति केवल विज़िटर (विजिटर) के रूप में विदेशी प्रदर्शनियों में जाते हैं, उन्हें भी कुछ यात्रा और ठहरने की सहायता दी जाए।

5️⃣ एमएसएमई योजनाओं के बारे में जागरूकता* बढ़ाई जाए। इसके लिए “वर्कशॉप और सेमिनार” आयोजित किए जाएं।

6️⃣ जिन एमएसएमई इकाइयों में कर्मचारियों की संख्या 10 से कम है, उनके कर्मचारियों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा मिल सके।

7️⃣ मनरेगा योजना को उद्योगों से जोड़ा जाए, ताकि कामगारों की कमी पूरी हो और रोज़गार बढ़े।

8️⃣ सेक्टर वाइज सलाहकार समितियाँ बनाई जाएँ, ताकि उद्योगों की बातें सीधे केंद्र सरकार तक पहुँच सकें।

9️⃣ स्कैफोल्डिंग मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को *थ्रस्ट सेक्टर का दर्जा दिया जाए। यह तेज़ी से बढ़ता हुआ उद्योग है, जिसने पिछले साल 300 मिलियन डॉलर का निर्यात किया है।

बैठक के अंत में सुनील शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार को एमएसएमई योजनाओं को और सरल, पारदर्शी और ज़मीन पर लागू करने योग्य बनाना चाहिए, ताकि छोटे उद्योगों को वास्तविक लाभ मिल सके। संदीप शारदा और सुनील शर्मा, प्रेजिडेंट, इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मैडम नरिंदर कौर (असिस्टेंट कमिश्नर, सेल्स टैक्स ) को बुके भेंट कर उनका स्वागत एवं सम्मान किया।

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