दोआबा न्यूजलाइन


जालंधर : आजकल मानव शरीर में स्वास्थ्य सबंधी बहुत बीमारियां देखने को मिल रही है, उन्ही में से एक बीमारी प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलाइज़ेशन है, जो की पुरुषों में पाई जाती है। इस बीमारी को लेकर जनता में काफी ब्रहम है, लेकिन अब शहर के मशहूर केयरबेस्ट सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ रमन चावला, लोगों को जागरूक कर रहे है। पिछले कुछ सालों में PAE को पूरी दुनिया में BPH के लिए एक क्रांतिकारी इलाज माना गया है। हमारे क्षेत्र में, डॉ. रमन चावला और उनकी टीम ने Carebest Superspeciality Hospital, जालंधर में पिछले 10 सालों से सैकड़ों सफल PAE प्रक्रियाएं की हैं। इससे बहुत से पुरुषों को बिना किसी बड़ी सर्जरी के, अपनी ज़िंदगी में फिर से आराम और सुविधा मिल सकी है। आइये इसके बारे में बारीकी से जानते है।

जानकारी देते हुए डॉ रमन चावला ने कहा कि बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्रंथि के सबसे उन्नत और नए इलाज के बारे में बात कर रहे हैं, जिसे प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलाइज़ेशन (PAE) कहा जाता है। जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, उन्हें पेशाब से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं, जैसे – बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने में मुश्किल होना, या अचानक पेशाब की बहुत तेज़ इच्छा होना। ये लक्षण अक्सर बढ़े हुए प्रोस्टेट की वजह से होते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है। पहले BPH का इलाज ज्यादातर सर्जरी के ज़रिए किया जाता था, लेकिन अब एक नया, आसान और बिना ऑपरेशन वाला इलाज आ गया है- प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलाइज़ेशन (PAE)।

प्रोस्टेट क्या है और परेशानी क्यों होती है?
प्रोस्टेट एक छोटी सी ग्रंथि होती है, जो मूत्राशय (bladder) के नीचे होती है और मूत्रमार्ग (urine passage) को घेरे रहती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण यह ग्रंथि बड़ी हो जाती है, जिससे पेशाब की नली पर दबाव पड़ता है। इसके कारण कई तरह की पेशाब की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे-बार-बार पेशाब आना (खासकर रात में)। पेशाब की धार कमजोर हो जाना या रुक-रुक कर आना।
पेशाब शुरू करने या रोकने में कठिनाई। ऐसा लगना कि मूत्राशय पूरा खाली नहीं हुआ। अचानक पेशाब करने की तेज़ इच्छा।
पेशाब रुकने से संक्रमण होना।
कई बार यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि पेशाब आना बिल्कुल बंद हो जाता है, जिससे दर्द और इमरजेंसी की स्थिति बन जाती है। अगर समय पर इलाज न हो, तो ये दिक्कतें और बढ़ सकती हैं -जैसे मूत्राशय में संक्रमण, गुर्दों को नुकसान या पूरी तरह मूत्र रुक जाना।
PAE क्या है?
PAE एक बिना ऑपरेशन वाला, एडवांस इलाज है जिसमें प्रोस्टेट को खून देने वाली धमनियों (arteries) को बंद कर दिया जाता है। जब प्रोस्टेट को खून मिलना बंद हो जाता है, तो वह धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है और पेशाब की समस्याएं अपने आप ठीक हो जाती हैं।इस प्रक्रिया में सबसे पहले कुछ टेस्ट किए जाते हैं, जैसे PSA ब्लड टेस्ट, ताकि यह पक्का हो सके कि लक्षण BPH की वजह से हैं, न कि प्रोस्टेट कैंसर की।
फिर एक पतली सी कैथेटर (नली) को पैर या कलाई की नस से शरीर में डाला जाता है और खास इमेजिंग मशीन की मदद से इसे प्रोस्टेट तक पहुंचाया जाता है।
फिर छोटे-छोटे कण जैसे जेल फोम या कॉइल्स डाले जाते हैं जो प्रोस्टेट को खून देने वाली धमनियों को बंद कर देते हैं। इसके बाद प्रोस्टेट का आकार धीरे-धीरे कम होने लगता है। PAE के बहुत से फायदे हैम जैसे- बिना ऑपरेशन के- न चीर, न टांका। जनरल या रीढ़ की बेहोशी की ज़रूरत नहीं। संक्रमण का खतरा बहुत कम। यौन क्षमता सुरक्षित रहती है। मूत्रमार्ग में सिकुड़न या पेशाब पर नियंत्रण की समस्या नहीं होती। ज़्यादातर मरीजों को 2–3 हफ्ते में आराम मिल जाता है। प्रोस्टेट अगले कुछ महीनों तक सिकुड़ता रहता है। मरीज अगले ही दिन डिस्चार्ज हो जाते हैं। कुछ दिनों में नॉर्मल ज़िंदगी में वापस लौट सकते हैं।