Friday, September 20, 2024
Home पंजाब प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत वर्तमान में पंजाब के सभी 23 जिलों में 335 जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत वर्तमान में पंजाब के सभी 23 जिलों में 335 जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं।

by Doaba News Line

  • वर्ष 2023-24 में नवंबर तक इन केंद्रों के माध्यम से 41 करोड़ 30 लाख की दवाएं बेची गईं ।
  • इससे लोगों को कुल 206 करोड़ 50 लाख रुपए की बचत हुई है I
  • फिलहाल केंद्रों पर 1200 तरह की दवाएं और 147 तरह के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं ।

दोआबा न्यूज़लाईन (पंजाब)

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत पंजाब के सभी 23 जिलों में 335 जन औषधि केंद्र वर्तमान में लोगों को सस्ती कीमतों पर दवाएं उपलब्ध करवा कर एक बड़ी राहत प्रदान कर रहे हैं। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 में नवंबर तक इन केंद्रों के माध्यम से एमआरपी पर कुल 41.30 करोड़ रुपये की दवाएं बेची गईं और इससे समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को कुल 206 करोड़ 50 लाख रुपये की बड़ी बचत हुई है । इसी अवधि में प्रदेश में 21 नये जन औषधि केन्द्र भी खोले गये हैं I

प्रवक्ता ने बताया कि इस समय सबसे अधिक 78 औषधि केंद्र लुधियाना जिले में चल रहे हैं जबकि बठिंडा और पटियाला में इन औषधि केंद्रों की संख्या 34 है I जालंधर जिले में 32 जन औषधि केंद्र कार्यशील हैं I

प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में इन केंद्रों पर 1200 प्रकार की दवाएं और 147 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं । अमृतसर ज़िले में 21 जन औषधि केंद्रों ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान एक करोड़ 39 लाख रुपये की दवाओं की खरीद की है और ज़िले में एक महीने की दवा खरीदने की औसत करीब 19 लाख 86 हजार रुपये है । इसी तरह, जालंधर ज़िले में स्थित 32 केंद्रों ने 1 करोड़ 63 लाख रुपये की खरीद की और मासिक औसत 23 लाख 40 हजार रुपये रही जबकि लुधियाना ज़िले में 78 केंद्रों ने 3 करोड़ 31 लाख रुपये की खरीदारी की और महीने की औसत खरीद 47 लाख 32 हजार रुपये रही है I

प्रवक्ता ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2020 से अक्टूबर 2023 तक सिविल अस्पताल अमृतसर में स्थित जन औषधि केंद्र में केवल 17 हजार 761 रुपये की दवाएं खरीदी गईं I यह खरीद भी अक्टूबर 2020 में की गई थी और उसके बाद से कोई दवा नहीं खरीदी गई है । इसी तरह, सिविल अस्पताल जालंधर में स्थित औषधि केंद्र के लिए 31 हजार 775 रुपये की दवा खरीदी गयी और यह खरीद भी 2020 में ही की गई जबकि लुधियाना के सिविल अस्पताल में स्थित जन औषधि केंद्र के लिए इस पूरी अवधि के दौरान एक पैसे की भी दवा की खरीद नहीं की गई है ।

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