
दोआबा न्यूज़लाइन


भारत/ढाका: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के मदीना में हुई दुर्घटना में भारतीय नागरिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।



प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पोस्ट करते हुए कहा कि रियाद स्थित भारतीय दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आवश्यक सहायता और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं।

PM मोदी की X पर POST
“मदीना में भारतीय नागरिकों से जुड़ी दुर्घटना से मुझे गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमारे अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं।”
बांग्लादेश की पूर्व PM हसीना को मिली फांसी की सजा, पीएम ने फैसले को बताया राजनीति से प्रेरित
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को मौत की सजा सुना दी है। बताया जा रहा है कि हसीना को कोर्ट ने 5 में से 2 मामलों हत्या के लिए मजबूर करने और हत्या का आदेश देने के लिए मौत की सुनाई है। वहीं बाकी 3 मामलों में हसीना को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। ICT ने शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया है।
सूत्रों से मिली जानकारी शाख हसीना के साथ साथ दूसरे आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी 12 लोगों की हत्या का दोषी मानकर फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही कहा यह भी जा रहा है कि तीसरे आरोपी पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को सरकारी गवाह बनने के बाद 5 साल जेल की सजा सुनाई गई है। फिलहाल वह हिरासत में हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने हसीना और असदुज्जमान कमाल की प्रॉपर्टी को भी जब्त करने के आदेश दिए हैं। 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट के बाद शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान ने देश छोड़ दिया था। कहा जा रहा है कि दोनों नेता पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं।
वहीं कोर्ट के इस फैसले शेख हसीना ने गलत, पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि यह फैसला ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है जिसे एक गैर-निर्वाचित सरकार चला रही है और जिसके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है।
बताया जा रहा है कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के इस फैसले पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान को 30 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार दिया गया है। यह अपील बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के अपील डिवीजन में दाखिल करनी होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट को भी 60 दिनों के भीतर इस अपील पर फैसला देना अनिवार्य है। हालांकि ट्रिब्यूनल ने एक महत्वपूर्ण शर्त रखी है कि अपील ‘इन एब्सेंटिया’ यानी देश से बाहर रहकर नहीं की जा सकती। अपील करने के लिए दोषियों का शारीरिक रूप से बांग्लादेश में मौजूद होना जरूरी है।




