102 नौजवानों से भर्ती करवाने के बदले आरोपियों ने ठगे थे लाखों रुपए
अदालत ने मुलजिमों को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा
दोआबा न्यूज़लाईन (चंडीगढ़/क्राइम/पंजाब )
चंडीगढ़ : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब पुलिस में फ़र्ज़ी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया है। जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस के कर्मचारियों ने 102 नौजवानों को राज्य पुलिस में दर्जा-4 कर्मचारियों के तौर पर भर्ती कराने का झांसा देकर ठगा है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पीड़ितों से भर्ती के बदले कुल 26,02,926 रुपए की रिश्वतें लेने के दोष अधीन पंजाब पुलिस के दो मुलाजिमों को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान तीसरी आई. आर. बी. में बतौर कलीनर ( ग्रेड- 4 कर्मचारी) के तौर पर तैनात तरलोचन पाल ( नं. 207/ एस) निवासी मोहल्ला बेगमपुर, आदमपुर, ज़िला जालंधर और पंजाब पुलिस अकादमी फिलौर में नाई ( ग्रेड- 4 वर्कर) के तौर पर तैनात सह- मुलजिम सुरिन्दरपाल ( नं. 3बी) निवासी गाँव सीकरी, नीलोखेड़ी, ज़िला करनाल, हरियाणा का रहने वाले के तौर पर हुई है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त दोनों मुलजिमों को गाँव नंगलां, तहसील गढ़शंकर, ज़िला होशियारपुर के निवासी सुरिन्दर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाईन पोर्टल पर दर्ज करवाई गई शिकायत की जांच के उपरांत गिरफ़्तार किया गया है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज द्वारा की गई तफ्तीश के दौरान शिकायतकर्ता की तरफ से लगाए गए दोष सही पाए गए, जिस कारण उक्त दोनों मुलजिमों के खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार किए गए मुलजिम तरलोचन पाल और सुरिन्दरपाल को अदालत में पेश करके दो दिनों का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है जिस दौरान इनसे गहराई के साथ पूछताछ की जाएगी कि ओर कितने भोले-भाले व्यक्तियों को दर्जा-4 कर्मचारी भर्ती कराने का झाँसा देकर इन्होंने ठगी मारीहै और इस फर्जी घोटाले में कुल कितनी रकम एकत्रित की गई। जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि जांच से पता लगा है कि मुलजिम तरलोचन पाल और उसका साथी सुरिन्दरपाल ने भोले भाले नौजवानों को झूठा यकीन दिलाया कि आने वाले महीनों के दौरान पंजाब पुलिस में दर्जा-4 के लगभग 560 पद भरे जाने हैं। उक्त दोनों मुलजिमों ने आपसी मिलीभुगत से पंजाब पुलिस में दर्जा-4 कर्मचारियों के तौर पर भर्ती करवाने का झूठा दिलासा देकर प्रति व्यक्ति 25,000 रिश्वत की माँग की और राज्य भर में से करीब 102 व्यक्तियों से इस तरह पैसे इकठ्ठा किए। नतीजन तरलोचन पाल को कुल 18,09,100 रुपए रिश्वत के तौर पर प्राप्त हुए, जोकि उसने अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाए गए और इसमें से उसने 5,45,000 रुपए सुरिन्दरपाल के एच.डी. एफ. सी. बैंक खाते में तबदील कर दिए।
इसके आलावा सुरिन्दरपाल के बैंक खाते में 7,93,826 रुपए रिश्वत के तौर पर अलग प्राप्त हुए थे। तफ्तीश के दौरान पता लगा है कि दोनों मुलजिमों तरलोचनपाल और सुरिन्दरपाल द्वारा कुल 26,02,926 रुपए रिश्वत के तौर पर लिए गए थे। निष्कर्ष के तौर पर दोनों मुलजिमों के विरुद्ध आई. पी. सी. की धारा 420 और 120- बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 अधीन तारीख़ 07/ 06/ 2024 को मुकदमा नंबर 10 दर्ज किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि मुलजिम सुरिन्दरपाल ने पूछताछ के दौरान विजिलेंस ब्यूरो के पास माना है कि उसने और तरलोचनपाल ने भर्ती होने वाले इच्छुक व्यक्तियों से पैसे लेकर करीब 9.00 लाख रुपए पंजाब पुलिस हैडक्वाटर चंडीगढ़ में तैनात दो कर्मचारियों को दे दिए थे। उसने यह भी बताया कि यह भर्ती न होने के बाद हेडक्वार्टर में लगे दोनों मुलाजिमों द्वारा 9.00 लाख रुपए में से कुछ पैसे उनको वापस कर दिए गए परन्तु बाकी के पैसे उन्होंने निगल लिए। प्रवक्ता ने बताया कि तफ्तीश के दौरान सामने आए अलग-अलग पीड़ित व्यक्तियों को बुला के उनके बयान लिखे जा रहे हैं जिनसे पैसे उक्त मुलजिमों ने रिश्वतें ली थीं। इसके इलावा ओर पीड़ित भी अगले दिनों में इनकी तरफ से धोखे के साथ रिश्वतें लेने के बारे शिकायतें लेकर ब्यूरो के पास पहुँच सकते हैं।