दोआबा न्यूज़लाइन
नई दिल्ली: प्रशासनिक सुधार विभाग के माध्यम से भारत 1998 से अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान का सदस्य देश है। लेकिन अब बड़ी बात यह है कि भारत को ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान’ की अध्यक्षता मिल गई है। इस अध्यक्षता के लिए 3 जून को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चुनाव हुआ था जिसमें भारत ने 87 वोट (61.7 प्रतिशत वोट) प्राप्त कर विजय प्राप्त की थी।
अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान 31 सदस्य देशों, 20 नेशनल सेक्शंस और 15 शैक्षणिक अनुसंधान केंद्रों का एक संघ है जो लोक प्रशासन पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संयुक्त रूप से सहयोग करता है। इसके प्रमुख सदस्य देश हैं – भारत, जापान, चीन, जर्मनी, इटली, कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, स्पेन, कतर, मोरक्को, इंडोनेशिया आदि ।
आईआईएएस, संयुक्त राष्ट्र के साथ घनिष्ठ कार्य संबंध बनाए रखता है और संयुक्त राष्ट्र की लोक प्रशासन पर विशेषज्ञों की समिति (सीईपीए) और संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (यूएनपीएएन) में भाग लेता है। जबकि आईआईएएस, संयुक्त राष्ट्र का औपचारिक रूप से संबद्ध निकाय नहीं है, यह लोक प्रशासन में संयुक्त राष्ट्र के कार्य से सक्रिय रूप से जुड़ा है।
आईआईएएस के 2025-2028 के अध्यक्ष पद के लिए माननीय प्रधान मंत्री मोदी ने नवंबर 2024 में सचिव डीएआरपीजी श्री वी. श्रीनिवास की भारतीय उम्मीदवारी को नामित किया। आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए सुनवाई फरवरी 2025 में हुई, जिसमें भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया और बहरीन ने आईआईएएस की प्रशासन परिषद के समक्ष सुनवाई में भाग लिया। सुनवाई के बाद भारत, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया की उम्मीदवारी को अगले दौर के लिए आईआईएएस की आम सभा में भेज दिया गया। मई 2025 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत के पक्ष में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। 3 जून, 2025 को भारत और ऑस्ट्रिया के बीच चुनाव हुआ, जिसमें 141 वोट पड़े, जिनमें से भारत ने 87 वोट (61.7 प्रतिशत वोट) प्राप्त किए, और ऑस्ट्रिया ने 54 वोट (38.3.7 प्रतिशत वोट) प्राप्त किए । आईआईएएस की भारतीय अध्यक्षता माननीय प्रधानमंत्री मोदी के “अधिकतम शासन – न्यूनतम सरकार” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगी।