चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

दोआबा न्यूज़लाईन (चंडीगढ़/राजनीति)


बोले-लोकतंत्र के साथ मजाक, उसकी हत्या है

मेयर चुनाव को लेकर गत दिवस यानी सोमवार को सुप्रीम में सुनवाई हुई। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में चुनावी प्रक्रिया का वीडियो भी चलाया गया, जिसमें चुनाव अधिकारी के धांधली करने का दावा किया जा रहा है।

बता दें कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अदालत का रुख़ किया था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने धांधली की और संख्या बल ना होने के बावजूद भी बीजेपी की जीत का एलान किया। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का रुख़ किया था, जहाँ से राहत ना मिलने पर वो सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे।

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई और कहा यह स्पष्ट है कि उन्होंने बैलट पेपरों से छेड़छाड़(डिफेस्ड) किया है। क्या वह इसी तरह का चुनाव करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अधिकारी पर मुकदमा चलाना चाहिए।

मामले में मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि मेयर चुनाव के साभी रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।

गौरतलब है कि मामले की सुनवाई आप और कांग्रेस संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप कुमार की याचिका पर हुई। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं।

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