दोआबा न्यूज़लाईन (जालंधर/स्वास्थ्य)
जालंधर : “जालंधर में आयोजित ‘क्लिनिक्स इन लिवर डिजीज 2024’ कॉन्फरेंस ने उत्तरी भारत में जिगर के स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह आयोजन डाइजेस्टिव डिजीज फोरम जालंधर द्वारा आयोजित किया गया। इस आयोजन को भारतीय गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सोसायटी पंजाब चैप्टर और भारतीय राष्ट्रीय जिगर का अध्ययन करने वाले संघ (INASL) का समर्थन मिला।
पटेल हॉस्पिटल जालंधर के डॉ वरुण गुप्ता ने इस कॉन्फरेंस का आयोजन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आयोजन में लगभग 200 प्रतिष्ठित गेस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट्स, जनरल फिजिशियन और DM/DNB छात्रों की भागीदारी हुई।
“क्लिनिक्स इन लिवर डिजीज 2024” के सफलता से स्पष्ट होता है कि चिकित्सा समुदाय ने मरीज के परिणामों में सुधार और जिगर स्वास्थ्य के क्षेत्र में चिकित्सा ज्ञान को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पण दिखाया है। इसे किस तरिके से आगे बढ़ाना चाहिए, इस बारे में भी विचार किये गए।
इस मौके पर डॉ मोहित नंदा, संगठन के चेयरमैन; डॉ वरुण गुप्ता, संगठन सचिव; डॉ अजय दुजेसा, INASL के सचिव; डॉ निर्मलजीत सिंह मल्ही, भारतीय गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सोसायटी पंजाब राज्य अध्यक्ष; प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमन, हेपेटोलॉजी के प्रोफेसर और डायरेक्टर, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS); डॉ (प्रोफेसर) अनिल अरोड़ा, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और पैनक्रिएटिको बिलियरी साइंसेज के चेयरमैन, सर गंगा राम हॉस्पिटल; डॉ विजय नंदा, निदेशक और पैट्रन, पीजीआई जालंधर के मुख्य सलाहकार; डॉ एम.के. अरोड़ा, जालंधर; और डॉ दीपक चावला, आईएमए जालंधर के प्रधान शामिल हुए।