मोबाइल की लत दिमागी विकास में बाधा के साथ-साथ डिप्रेशन की घंटी, जानें इससे बचने के उपाय

दोआबा न्यूज़लाईन (फ़ीचर/स्वास्थ्य)

आजकल सोशल मीडिया भरी जिंदगी में बड़ो से लेकर छोटे बच्चे भी घूम हो गए है। दिन भर स्मार्टफोन में घुसे रखने से सेहत पर तो बुरा असर पड़ता है, लेकिन इसकी लत लग जाने से जिंदगी को भी बहुत नुकसान होता है। इसके नुकसान जानने के बाद लोग संकल्प भी लेते हैं कि अब से स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम किया करेंगे। लेकिन जमीनी हकीकत की बात करें तो बहुत सी समस्याएं ज्यादा देर तक सोशल मीडिया पर रहने के कारण ही होती है।

आज हम ऐसे ही आपको कुछ फोन के ज्यादा इस्तेमाल करने के साइड इफेक्ट्स बतायेगे। स्मार्टफोन और लाइक, शेयर, कमेंट की दुनिया में खोए रहने की लत की बात करेंगे और जानेंगे कि इससे सेहत को कौन से परमानेंट नुकसान हो सकते हैं। साथ ही दुनिया भर में स्मार्टफोन यूज के आंकड़े और इसके दुष्प्रभाव से बचने के उपाय भी जानेंगे।

सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रहने के कई दुष्प्रभाव है जिनमें स्ट्रेस, तनाव, शरीर का वजन बढ़ना, एंग्जायटी, डिप्रेशन, याददाश की कमी, नींद की कमी और मांसपेशियों में तनाव सबसे ज्यादा कॉमन है।

उनका सहज दिमागी विकास इस तरह प्रभावित होता है कि वे स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से होने वाली एंग्जाइटी से बचने के लिए फिर से उसी का इस्तेमाल करने लगते हैं। जिसके चलते एक अंतहीन क्रम बन जाता है और लोग इसमें फंसते चले जाते हैं। दूसरी ओर, उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत गिरती चली जाती है।

किशोरों में सोशल मीडिया की लत से उनकी मानसिक और मनोवैज्ञानिक सेहत स्क्रीन टाइम कंट्रोल करने के बाद भी पहले जैसी स्थिति में नहीं आ सकती। यानी इसका नुकसान परमानेंट और हमारी सोच से ज्यादा खतरनाक है।

सोशल मीडिया और स्मार्टफोन की लत से हुए नुकसान की पूरी भरपाई संभव नहीं है। लेकिन कुछ उपायों के सहारे इसके असर को कम जरूर किया जा सकता है। इसके लिए बेहद जरुरी है की आप काम से काम अपने पहन पर दिन दें। ज्यादा समय आप कसरत और काम पर बिताये। परिवार के साथ समय बिताएं। पहले समय में लोग मानसिक और शारीरिक तौर पर तभी इतने फिट रहते थे, की वह अपना ज्यादा समय खेल कूद और शरीर को चलाने में लगाते थे। लेकिन आज की दुनिया में लोग बहुत बिजी हो गए है, जिसके कारण वह अपनी विरासत एवं खुद को ही भूलते जा रहे है।

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