दोआबा न्यूजलाइन
जालंधर: जालंधर के गदाईपुर, रंधावा और मसांदा क्षेत्र के सैकड़ों उद्योगपति बिजली कनेक्शन की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। इंडस्ट्रियल बिजली सप्लाई की अनुपलब्धता के कारण इन क्षेत्रों की इकाइयों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस विषय को गंभीरता से उठाते हुए इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि “जब तक गदाईपुर क्षेत्र में स्थायी रूप से एक नया बिजली घर (सब-स्टेशन) स्थापित नहीं किया जाता, तब तक यहां बिजली संकट का समाधान नहीं हो सकता।”
स्थायी समाधान के लिए गदाईपुर में नया बिजली घर स्थापित किया जाए: इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन
उन्होंने बताया कि फोकल पॉइंट सब-स्टेशन से लाइन केबल बिछाकर अस्थायी समाधान की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन इसके लिए भी लाखों रुपये लाइन चार्जेस के नाम पर उपभोक्ताओं से वसूले जा रहे हैं, जो उद्योगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन रहा है। कुछ औद्योगिक इकाइयों ने अपने मौजूदा लोड को बढ़ाने के लिए काफ़ी समय पहले आवेदन किया था, लेकिन हर बार कोई न कोई कारण बताकर फाइलों को रोका जा रहा है। प्रमुख कारण बताया जाता है– फोकल पॉइंट सब-स्टेशन का ओवरलोड होना।
इस अवसर पर सुनील शर्मा ने यह भी कहा कि: “इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। नए निवेशक भी उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन बिजली की अनिश्चितता उन्हें पीछे हटा रही है। यदि यही स्थिति रही तो कई इकाइयां यहां से पलायन करने को विवश होंगी।” उन्होंने पंजाब सरकार और PSPCL से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द गदाईपुर क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नए बिजली घर की स्वीकृति और निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाएं। “यदि समय रहते यह निर्णय नहीं लिया गया, तो यह न केवल स्थानीय उद्योगों को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि सरकार की ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ नीति पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।”
इस बैठक में मुख्य रूप से अरुण शर्मा, अगम शर्मा, गौतम शर्मा, दयालाल धमीजा, राहुल बत्रा, मनिंदर शर्मा, नवनीत कुमार, राजीव जैरथ उपस्थित रहे।