पंजाब एवं चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन की 68वीं जनरल बैठक में लिये गए महत्वपूर्ण फैसले

दोआबा न्यूज़लाईन

2024-28 के लिए पीसीसीटीयू की नई कार्यकारिणी गठित

जालंधर: शहर के पंजाब और चंडीगड कॉलेज शिक्षक मंत्र की 68वीं की जनरन हाऊस बैठक का आयोजन लायलपुर खालमा कॉलेज जालंधर में किया गया जिसमें पंजाब और चंडीगढ़ के 136 निजी सहायता प्राम कॉलेजों के निक्षकों ने अपने हितों के सामने आने वाली चुनौतियों से लड़ने का संकल्प लिया। इस मौके पर उक्त कालेज के प्रि. जसपान सिंह मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन डॉ. विनय मोफ्ट-प्रधान पीमीनीटीयू, डॉ. गुरदास सिंह सैखी-जनरल मैक्रेटरी, डॉ. जगदीप कुमार- उपप्रधान, डॉ. भूपिन्द्र सिंह-वित्त सचिव, पंजाच के तीनो यूनिवर्सिटी के ऐरिया मैक्रेटरीज़ व प्राध्यापकों ने किया। मुख्य मेहमान प्रि. डॉ. जसपाल सिंह ने पीसीसीटीयू द्वारा अध्यापकों के हितों के लिए किये गये संघर्ष की प्रशंसा की तथा आने वाले समय में उच्च शिक्षा के उत्थान के लिये आपसी ताल-मेल में कार्य करने का भरोसा दिया।

आमसभा के उद्घाटन के दौरान पीसीसीटीयू के महासचिव प्रो. गुरदास सिंह सेखों ने 2022-2024 के लिए पीसीसीटीयू की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने पीपीसीटीयू की पिछली कार्यकारिणी की कमेटी की 2 वर्षों की उपलब्धियों के बारे में जिह करते हुए कहा कि यूनियन की तरफ से पंजाब सरकार को गातवें पे कमिलन को पूर्णता में नागू करवाना, प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्स कालेजों में कार्यरत प्राध्यापकों की रिटार्यमेंट की उम्र 58 से 60 वर्ष पुणः वहान करवाना, प्राध्यापकों की ग्रेच्युटी की रकम 10 लाख ने 20 लाख एन्हांस करवाना, केंद्रीय दाखिला पौर्टम को कालेजों के अनुसार सरन बनाना, यूनिवर्सिटी अकादमी कनैण्डर लागू करवाने के बारे जनरन गडम को जानकारी दी गई।

उन्होंने इस मौके पर पीमीमीटीडू को आने वाले भविष्य में जाने वाली विभिन्न चुनौतियों के बारे में भी एजेण्डा पेश किया। इसके तहत उन्होंने कवर्ड और अनकर्वड कालेज के अध्यापकों पर 7वें पे-कमिशन को एकसारता एवं गमानता के रूप में लागू करचाना, 75 फीसदी ग्रांट को 95 फीसदी ग्रांट के रूप में पुनः बहान करवाना, अन-कर्वड पोस्टों को 95 फीसदी कर्वड पोस्टों में तबदील करवाना, हायर एजुकेशन रेगुनैटरी एबौरटी पंजाब में कायम करवाना, तीनो यूनिवर्सिटी में मनैवम बनाते समय वहाँ के कार्यरत विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों की कमेटी बनाकर कोमों के सलैवस को बनाने में उनकी विचार-विमर्श करके समय रहते क्लामिम शुरू होने से पहले यूनिवर्सिटीज की वैवमाईड पर अपलोड करने, और नए अध्यापकों की पोस्टों की भर्ती पर लगी रोक को हटवाने ने मम्बन्धित सभी माँगों को एकजुटता के साथ संघर्ष कर पूरा करवाने के लिये बल दिया। डॉ. गुरदास मैत्री ने कहा कि बजे ही दुःख की बात है कि केन्द्र सरकार ने नैशनल एजुकेशन पॉलिसी की उसमें मौजूद कुरीतियों को दूर किये बगैर जल्दबाजी में लागू कर देश के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों का भविष्य अन्धकार में धकेल दिया है। इसी लिये पीसीसीटीयू और एआईफैक्टी ने एनईपी को राष्ट्रीय स्तर पर निकार दिया है।

वहीं डॉ. विनय मोफट- प्रधान पीपीसीटीयू एवं उप-प्रधान एआईटी ने विभिन्न कॉलेजों के शिक्षकों की समस्याओं में संबंधित सवालों का जवाव देते हुए ने कहा कि पीसीसीटीयू का मुख्य उद्देश्य इम वित्तीय वर्ष में 7वें पे-कमिशन को पूर्ण रूप से सभी कालेजों में लागू करवाना है। उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर अनुदानित कॉलेज भी प्रोफेसरों के मामले में तेजी लाने और रिक्त पदों को कवर करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसमें कुछ तकनीकी पेचीदगियां भी हैं जो कि जल्द दूर करवायी जाएंगी। डॉ. विनय मोफट ने कहा कि जिम नैशनल ऐजुकेशन पॉलिमी को केन्द्र सरकार हड़बड़ाहट में बिना अध्ययन करवाये और समय-समय पर देश के विभित्र बुद्धिजीवियों द्वारा बताई गई कुरीतियों को दूर किये बगैर धक्के से लागू करचा रही है इसी एनईपी में मौजूद सभी मांडूल्म को जब अमेरिका में 1984 में इसके जनकों द्वारा पहली बार वहाँ के एक राज्य यूटाह में लागू किया गया तो यह मारी की मारी नाकाम साबित हो गई थी जिसे आज 2024 में देश में लागू करने के बारे में सोचा जा रहा है। डॉ. विनय मोफट ने पंजाब की तीनों यूनिवर्सिटी को अगाह करते हुए कहा कि नैशनल ऐजुकेशन पॉलिसी के ड्राफ्ट में कहीं भी किसी भी विषय को खत्म करने की बात नहीं की गई है इसीलिए यूनिवर्सिटीज़ इस तरह का कोई भी मल्त कार्य ना करें वरना पीसीमीटीयू तथा एआईफक्टो इसका मख्त संज्ञान लेगी।

इसके उपरान्त वर्ष 2024-2026 के लिए नई कार्यकारिणी का चुनाव किया गया, जिसके तहत प्रो. सीमा जेटली-प्रधान पीसीसीटीयू, प्रो. जगदीप कुमार गडदीवाल उप-प्रधान, डॉ. गुरदान सिंह मेखी-जनरन मैक्रेटरी, डॉ. भूपिन्द्र सिंह वित्त सचिव, डॉ. मुखदेव सिंह गंधावा- एरिया मेक्रेटरी गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, प्रो. रमन लर्मा-एरिया नेक्रेटरी पंजाब यूनिवर्सिटी, डा. बहादुर सिंह- पंजाबी यूनिवर्सिटी का एरिया सेनेटरी चुना गया। कार्यकारिणी सदस्य के रूप में डॉ. विनय सोफ्ट, प्रो. सुरजीत सिंह, प्रो. रोहित कुमार, प्रो. वरुण गोयल, प्रो. ललित कुमार, प्रो. नानु गुप्ता, प्रो. गुरप्रीत सिंह, प्रो. इकबालप्रीत कौर, प्रो. चरणजीत सिंह, प्रो. अदिति को मर्वसम्मति में चुना गया। वित्त मचिव डॉ. भूपिंदर सिंह द्वारा प्रस्तुत वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पारित किया गया। सभी ने पीशीशीटीयू के दिवंगत कर्मठ शिक्षकों को उनके अकास्मीय निधन पर शोक प्रकट किया गया तथा श्रद्धांजनि दी गई।

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