दोआबा न्यूज़लाइन
जालंधर: दुनिया के सबसे ज्यादा उम्र के एथलीट फौजा सिंह का सड़क दुर्घटना में बीते सोमवार को निधन हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार जालंधर में सैर के दौरान उन्हें एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। जिसके बाद तुरंत उन्हें घायल अवस्था में एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां बीती रात 114 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।
वहीं घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची। पुलिस ने फौजा सिंह के बेटे धरमिंदर सिंह की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आदमपुर थाने के एसएचओ हरदेव सिंह ने बताया कि फौजा सिंह के बेटे ने पुलिस को घटना के बारे में सूचना दी थी, जिसके बाद जांच के लिए टीमें मौके पर पहुंची थीं। फिलहाल उक्त कार का पता नहीं चल पाया है जिसने फौजा सिंह को टक्कर मारी है। मामले की जांच जारी है और अज्ञात वाहन के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
दरअसल फौजा सिंह ब्यास पिंड में अपने बेटे के साथ रहते थे। फौजा सिंह ने अपने जीवन में एक दुखद व्यक्तिगत क्षति के बाद मैराथन दौड़ की ओर रुख किया था। 89 साल की उम्र में एक दुर्घटना में उनकी पत्नी और बेटे की मृत्यु हो गई थी। इस घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया और वे अवसाद से जूझने लगे जिसके बाद उन्होंने लंबी दूरी की दौड़ में शामिल होने का फैसला किया और अपनी दृढ़ता और दृढ़ संकल्प से दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित किया। बताया जा रहा है कि उनके दूसरे बेटे और बेटी यूके और कनाडा में रहते हैं, जिनके पंजाब आने पर ही फौजा सिंह का उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बताते चलें कि 90 साल की उम्र में फौजा सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ना शुरू कर दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की। फौजा सिंह ने वर्ष 2000 में अपनी मैराथन यात्रा शुरू की थी और अंततः आठ दौड़ों में भाग लिया था। 2011 में उन्होंने टोरंटो मैराथन में भाग लेकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं और सबसे उम्रदराज मैराथन धावक के रूप में पहचान बनाई। हालांकि जन्म प्रमाण पत्र न होने के कारण उनका नाम आधिकारिक तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज नहीं हो सका। 2012 में उन्होंने लंदन मैराथन के दौरान 20 किलोमीटर की दौड़ पूरी करके दुनिया को एक बार फिर चकित कर दिया। उनकी आखिरी पेशेवर दौड़ 2013 में हुई थी जब उन्होंने 101 साल की उम्र में हांगकांग मैराथन में भाग लिया था। अपनी कड़ी मेहनत और साहस के चलते वे ‘टर्बन टॉरनेडो’ के नाम से मशहूर हुए।
फौजा सिंह की अचानक हुई मौत पर पीएम मोदी ने दुःख जताया है। वहीं जालंधर प्रशासन ने सरकार की तरफ से दुख जताया। उन्होंने कहा कि, “महान मैराथन धावक और दृढ़ संकल्प तथा उम्मीद के प्रतीक सरदार फौजा सिंह के निधन से हम गहरे शोक में हैं।