दोआबा न्यूज़लाईन
जालंधर : डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि जिले में डी.ए.पी.रबी सीजन में गेहूं की बिजाई के लिए किसानों को उर्वरक एवं डी.ए.पी. खाद की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, जिले में खाद की पर्याप्त सप्लाई लगातार हो रही है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि जिले में उपलब्ध 1015 टन डी.ए.पी. खाद की एक नवंबर तक 500 टन सहकारी समितियों और निजी फर्मों को 515 टन उर्वरक की पहुंच सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गेहूं की बिजाई लिए डी.ए.पी. विकल्प के तौर पर अन्य फॉस्फेटिक उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि डी.ए.पी विकल्प के तौर पर कृषि विभाग पंजाब की सिफारिशों के अनुसार ट्रिपल सुपर फॉस्फेट, एन.पी.के., सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरकों का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये सभी उर्वरक अच्छी फसल उपज और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
आगे उन्होंने कहा कि डी.ए.पी इसके स्थान पर जिले में ट्रिपल सुपर फास्फेट के तीन रैक आ चुके है। उन्होंने कहा कि सीजन की मांग के अनुरूप डी.ए.पी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, इसलिए किसानों को घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इसके अलावा जिले में कृषि उर्वरकों की जमाखोरी एवं कालाबाजारी पर कड़ी नजर रखी जा रही है और यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जायेगी। जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को पहले निर्देश जारी किए गए है।
कृषि अधिकारी डॉ सुरजीत सिंह ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि डी.ए.पी ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (0:46:0), एन.पी.के. 12:32:16, सिंगल सुपर फॉस्फेट एन.पी.के. 16:16:16 और एन.पी.के. 20:20:13 के विकल्प के रूप में खाद फसलों के लिए बहुत उपयोगी है और मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करती है।