दोआबा न्यूज़लाइन
जालंधर: शहर के मेहर चंद पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगरूप सिंह ने प्रख्यात आर्य समाजी और स्वतंत्रता सेनानी, मिलाप अखबार के संस्थापक महात्मा आनंद स्वामी सरस्वती की चुनिंदा वाणी पर लिखी पुस्तकों से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने वाली लोक कथाओं पर एक घंटे की प्रस्तुति तैयार की हैं। प्राचार्य डॉ. जगरूप सिंह ने कहा कि महात्मा आनंद स्वामी जी के विचार विद्यार्थियों के लिए सोने की खान हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। वे बहुत ही सरल भाषा में उदाहरणों के साथ लोगों को कहानियां सुनाते थे। उनका उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास था। वे कहते थे कि सत्संग और सच्चे गुरु से जीवन का सही मार्ग चुना जाता है। वे लोगों को बिना वजह धन इकट्ठा करने से भी मना करते थे और कहते थे, हमेशा प्रार्थना करो कि तुम्हारी बुद्धि तुम्हें सही मार्ग पर ले जाए और तुम लोगों की भलाई से जुड़े रहो।
उन्होंने महात्मा हंसराज, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय और महात्मा गांधी की सांगत की और उनके प्रभाव को स्वीकार किया। प्राचार्य डॉ जगरूप सिंह जी ने कहा कि उनकी पुस्तकें दो रास्ते, बोध कथाएं, तत्व ज्ञान, महात्मा आनंद स्वामी की जीवन गाथा, त्यागमय देवियां, घोर गाने जंगल में तथा मानव और मानवता आदि विद्यार्थियों के लिए पठनीय हैं।
प्राचार्य डॉ जगरूप सिंह ने डीएवी प्रबंध समिति नई दिल्ली में डीएवी अध्यक्ष, पद्मश्री अवार्डी डॉ पूनम सूरी को अपना प्रेजेंटेशन दिखाया तथा सुझाव मांगे। डॉ पूनम सूरी, जो महात्मा आनंद स्वामी की पौत्र हैं, ने कहा कि डॉ जगरूप सिंह को इस कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई तथा उन्होंने महात्मा आनंद स्वामी जी से जुड़ी अनोखी, अनजानी तथा अद्वितीय कहानियां भी सुनाईं तथा प्रेजेंटेशन को अपडेट करने के लिए डॉ जगरूप सिंह को कई बेहतरीन सुझाव भी दिए।