दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने गए ओम बिरला, कुर्सी तक छोड़ने आए PM मोदी और विपक्षी नेता राहुल गांधी

राहुल गांधी कल चुने जा चुके हैं विपक्षी नेता

दोआबा न्यूज़लाईन

नई दिल्ली: नई दिल्ली में आज सर्वसम्मति से लगातार दूसरी बार ओम बिरला को स्पीकर चुना गया। हालांकि विपक्ष ने मतदान की मांग की थी। उनके उम्मीदवार के. सुरेश थे। लेकिन प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने उनकी मतदान की मांग खारिज कर दी। दरअसल PM मोदी ने बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद आज सर्वसम्मति से ओम बिरला को स्पीकर चुना गया। स्पीकर चुने जाने के बाद PM मोदी और विपक्षी नेता राहुल गांधी ने उन्हें बधाई दी और खुद उन्हें स्पीकर की कुर्सी तक छोड़ने आए।

नवनिर्वाचित स्पीकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में अपने कैबिनेट का परिचय कराया। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने इमरजेंसी को निंदनीय और इसे देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस दौर में ऐसे कई कार्य किए जिन्होंने संविधान की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। बिरला ने कहा कि इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था।

स्पीकर के प्रस्ताव रखते ही पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं ओम बिरला ने इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को भी कहा। जहां सत्ता पक्ष के सांसदों ने तो मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद मौन के दौरान जमकर हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों का आरोप था कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।

बता दें कि इसी तरह बीते कल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्होंने हाथ में सविंधान की प्रति लेकर शपथ ली। बता दें कि राहुल गांधी ने अंग्रेजी भाषा में शपथ ली और उसके बाद उन्होंने ‘जय हिन्द, जय सविंधान’ का नारा लगाया। शपथ के दौरान जब राहुल गांधी का नाम पुकारा गया तो उस दौरान कांग्रेस के सभी सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और ‘जोड़ो जोड़ो, भारत जोड़ो के नारे लगाने लग पड़े’।

बता दें कि बीते कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे के घर इंडिया गठबंधन की बैठक हुई। जहां फैसला लिया गया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इसको लेकर प्रोटेम स्पीकर को पत्र भी लिखा गया है। इससे पहले कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया था। बैठक में कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहे।

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