मानसून के दौरान बिमारियों से बचाव के लिए 10 जुलाई से पहले खाली प्लाटों से कूड़ा – कचरा हटाने के निर्देश

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि खाली प्लाटों में कूड़े-कचरे के ढेर में रुका हुआ बरसाती पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है, क्योंकि रुके हुए पानी में हानिकारक बैक्टीरिया और कीड़े पनपते है, जिनसे विशेषकर मानसून के मौसम में कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। बी.एन.एस. की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए डा. अग्रवाल ने प्लाट मालिकों की जिम्मेदारी तय की है कि वे जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपने प्लाटों की सफाई सुनिश्चित करें।

डॉ हिमांशु अग्रवाल ने प्लॉट मालिकों को कचरे के अवैध डंपिंग को रोकने के लिए अपने खाली प्लॉट के चारों ओर चारदीवारी या फेसिंग का निर्माण करने के भी निर्देश दिए । सरकारी विभागों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आते खाली जमीनों सहित खाली संपत्तियों से कचरा साफ करवाएं। डिप्टी कमिश्नर ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) और नगर निगम जालंधर को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इन आदेशों को सख्ती से लागू करें। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने इन विभागों को यह भी निर्देश दिए कि यदि 10 जुलाई, 2025 के बाद सरकारी एजेंसियों द्वारा इनमें से किसी भी प्लॉट की सफाई की आवश्यकता होती है तो प्लॉट मालिकों के खिलाफ वसूली प्रक्रिया शुरू करें। डा.अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि ये आदेश पूरी तरह से सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में नागरिकों को बीमारियों से बचाने के लिए जारी किए गए है, खासकर चल रहे मानसून के मौसम के दौरान जब वेक्टर जनित बॉर्न बीमारियां तेजी से फैल सकती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन शहर वासियों को स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने और उनके स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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