आयकर विभाग के अन्वेषण निदेशालय ने विधानसभा उपचुनाव में काले धन के उपयोग को लेकर दिए निर्देश

दोआबा न्यूज़लाईन

जालंधर : भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के तहत, आयकर विभाग के अन्वेषण निदेशालय ने आगामी विधानसभा उप चुनाव 2024 (10-डेरा बाबा नानक, 44- छब्बेवाल (एससी), 84-गिद्दरबाहा और 103-बरनाला विधानसभा क्षेत्र) में काले धन के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है।

इस संबंध में, सूचना/शिकायतें प्राप्त करने के लिए पंजाब राज्य के लिए आयकर कार्यालय, जालंधर में टोल-फ्री नंबर (1800-180-2141) और एक व्हाट्सएप नंबर (7589166713) के साथ एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यह चौबीसों घंटे काम करता है। लोगों को इस नंबर पर कॉल करने और चुनाव प्रक्रिया को अनुचित रूप से प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नकदी या अन्य मूल्यवान वस्तुओं से संबंधित विशिष्ट जानकारी देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कॉल करने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

उप चुनाव संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए जिले में अधिकारियों और निरीक्षकों की टीमों को तैनात किया गया है। सूचना की प्रामाणिकता के आधार पर और जांच के बाद उचित मामलों में कानून के अनुसार नकदी आदि को जब्त करने की उचित कार्रवाई की जाएगी। ये टीमें जिला चुनाव अधिकारी (डी.ई.ओ) के जिला नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ जिला स्तर पर अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करेंगी। चुनाव प्रक्रिया के दौरान बेहिसाब नकदी के प्रबंधन में शामिल होने वाले संभावित व्यक्तियों, स्थानों और गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

एयर इंटेलिजेंस यूनिट (ए.आई.यू) पंजाब राज्य के सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ राज्य के लिए वाणिज्यिक उड़ानों वाले हवाई अड्डों पर भी काम कर रही है। ये इकाइयां हवाई मार्ग से नकदी की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। इसी प्रकार, रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय करके रेलवे के माध्यम से नकदी आदि की आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है।

बैंक खातों से एक निश्चित सीमा से अधिक नकद निकासी से संबंधित सुचना प्राप्त की जा रही है और संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने और उचित कार्रवाई करने के लिए संसाधित किया जा रहा है। निदेशालय उम्मीदवारों की संपत्ति और देनदारियों की घोषणा करने वाले हलफनामों की भी जांच करेगा और यदि उससे संबंधित किसी भी जानकारी को छुपाया जाता है, तो इसकी सूचना चुनाव आयोग को दी जाएगी। इसी प्रकार, यदि उम्मीदवारों द्वारा चुनाव खर्च से संबंधित कोई आपत्तिजनक जानकारी एकत्र की जाती है, तो इसकी सूचना भी चुनाव आयोग को दी जाएगी।

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