पंजाब CM मान की जिलों के डिप्टी कमिश्नर और अधिकारियों के साथ अहम बैठक, बोले-नीति आयोग बैठक का करेंगे बॉयकॉट

दोआबा न्यूज़लाइन

पंजाब सीएम मान की जिलों के डिप्टी कमिश्नर और अधिकारियों के साथ अहम बैठक, बोले-नीति आयोग बैठक का करेंगे बॉयकॉट

जालंधर: (सतपाल शर्मा)जालंधर से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की। जिसमें माझा और दोआबा के सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर भी उपस्तिथ रहे।

इस दौरान उन्होंने नीति आयोग की बैठक का बायकॉट करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि वे इस मामले में INDI एलायंस के साथ हैं। सभी मुख्यमंत्रियों ने बैठक में ना जाने का फैसला किया है और वे भी इसे पूरा करेंगे। सीएम मान ने बजट के ऊपर बोलते हुए कहा कि एक बार भी बजट में राज्य का नाम नहीं लिया गया। इससे स्पष्ट हो जाता है कि वहां जाने का कोई फायदा नहीं है। अगर उनकी नियत अच्छी होती तो 26 जनवरी को हमारी झांकी बाहर ना निकालते। राज्य को दिए जाने वाले कई फंडो को रोका गया है, इससे साबित होता है कि पंजाब की किसी को कोई फ़िक्र नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केंद्र से अपना हक सुप्रीम कोर्ट से लड़ कर लाएंगे। जो स्टेट एंटी भाजपा हैं, सिर्फ उनका ही पैसा रुकता है। सभी स्टेट सुप्रीम कोर्ट में अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब खुद अपने पैरों पर खड़ा होगा। हमें अपना कर्जा भी कम करना है और राज्य को आगे भी लेकर जाना है। इसके लिए रोडमैप तेयार है।

बताते चले किकेंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा बजट पेश किया गया था, उसके बाद विरोधी पार्टियों द्वारा बजट का जमकर विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में पंजाब सीएम ने भी इस पर तंज कसे है, उनका कहना है कि भाजपा पंजाब विरोधी है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब में 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है और पंजाब हमेशा देश के हितों के लिए खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि फिर भी केंद्र सरकार ने सड़कें जाम करके राज्य पर बोझ डाला है। भगवंत सिंह मान ने दीनानगर और पठानकोट हमलों के दौरान सैन्य बल भेजने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए 7.5 करोड़ रुपए के वित्तीय बोझ को माफ करने संबंधी अपने प्रयासों को भी याद किया।

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार राज्य को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए अपने वित्तीय साधन जुटाएगी। उन्होंने पंजाब को विशेष दर्जा देने की मांग की। उन्होंने आजादी के संघर्ष में पंजाब के योगदान और भारत के अन्न भंडार में इसकी भूमिका के बारे में प्रकाश डाला। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसानों को अनदेखा किया गया और उन्हें रोकने के लिए बैरियर खड़े किए गए।

मुख्यमंत्री ने राज्य के 10,000 करोड़ रुपए रोकने के लिए केंद्र सरकार और रोजाना मामूली मुद्दे उठाने के लिए राज्यपाल की आलोचना की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने राज्यपाल से मामूली मुद्दे उठाकर टकराव पैदा न करने की अपील की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों की नियुक्ति संबंधी फैसले नियुक्त हुए प्रतिनिधियों की बजाय वोटों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा किए जाने चाहिए।

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