दोआबा न्यूज़लाइन
झूठे वादे, किसान–विरोधी नीतियां और बढ़ता कर्ज़ “आप” की पहचान
जालंधर: भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश महामंत्री राकेश राठौर ने आज पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ एक विस्तृत चार्जशीट जारी की, जिसमें पंजाब की बिगड़ती स्थिति और सरकार की नाकामियों को विस्तार से उजागर किया गया। राठौर ने कहा कि यह दस्तावेज़ पंजाब की जमीनी हकीकत को सामने लाता है, जहां हर वर्ग आप सरकार की विफल शासन व्यवस्था से पीड़ित है।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री राकेश राठौर के साथ जिला भाजपा अध्यक्ष सुशील शर्मा, पूर्व विधायक जगबीर बराड़, जिला महासचिव अशोक सरीन, अमरजीत सिंह गोल्डी, पूर्व जिला अध्यक्ष रमन पब्बी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खेल प्रकोष्ठ सनी शर्मा, जिला सचिव अमित भाटिया मौजूद थे।
- झूठ के पहाड़ पर खड़ी आप सरकार : वादों में शून्य पूरा
महिलाओं को ₹1000, मोहल्ला क्लिनिक, कर्मचारियों का नियमितीकरण और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन- आप सरकार ने किसी भी बड़े वादे को पूरा नहीं किया। - किसान–विरोधी फैसले और पंजाब के अन्नदाता से छल
लैंड-पूलिंग से लेकर सभी फसलों पर एम.एस.पी. न देने तक भगवंत मान सरकार ने किसानों के हितों पर लगातार चोट पहुंचाई है। - अनियंत्रित कर्ज और वित्तीय कुप्रबंधन
पंजाब पर प्रति व्यक्ति कर्ज ₹1,23,274 पहुंच चुका है और कुल कर्ज़ 3.82 लाख करोड़ को पार कर गया है, जो अगले वर्ष 4.17 लाख करोड़ तक पहुंचने की आशंका है, यह वित्तीय दिवालियापन का स्पष्ट संकेत है। - कानून-व्यवस्था का पतन: पंजाब बना ‘गैंगलैंड’
आरपीजी हमलों, ग्रेनेड हमलों, खुलेआम फायरिंग और दिनदहाड़े हत्याएं पंजाब में आम हो गई हैं। पुलिस थाने तक सुरक्षित नहीं बचे। - नशा तस्करी पर हावी आप नेता, युवाओं की मौतें बढ़ीं
हज़ारों युवा ड्रग की ओवरडोज से मारे गए, जबकि कई आप नेताओं पर नशा कारोबार से जुड़े होने के गंभीर आरोप हैं। - सिख भावनाओं पर चोट और बढ़ते जन-आंदोलन
अनेक बेअदबी मामलों में कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षक, डॉक्टर, मनरेगा मज़दूर और कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, पर सरकार बेपरवाह है। - स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा
विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी, अस्पतालों में उपकरणों का अभाव, स्कूलों में हज़ारों पद खाली, आप सरकार की कथित क्रांतियां खोखली साबित हुई हैं।
इसके साथ ही राठौर ने यह भी कहा कि पंजाब को ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही चाहिए, न कि झूठे दावे, कुप्रबंधन और प्रचार की राजनीति।