स्वास्थ्य इमरजेंसी और हादसों में जाने वाली जान बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ‘चेतना’ प्रोजेक्ट की शुरुआत

दोआबा न्यूज़लाईन

400 विद्यार्थियों और 30 से अधिक अध्यापकों को ‘लाईफ़ सेविंग स्किलज़’ की दी ट्रेनिंग

जालंधर : स्वास्थ्य इमरजेंसी और हादसों में जाने वाली कीमती जान बचाने के उद्देश्य से ज़िला प्रशासन द्वारा ज़िला रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से मंगलवार को सांझा तौर पर नई पहलकदमी करते हुए ‘चेतना’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। इस प्रोजेक्ट के अधीन अलग-अलग स्कूलों के लगभग 400 विद्यार्थियों और 30 से अधिक अध्यापकों को माहिर डाक्टरों द्वारा ‘लाईफ़ सेविंग स्किलज़’ संबंधी एक दिन का प्रशिक्षण दिया गया। पंजाब भर में किसी भी ज़िले द्वारा किया गया अपनी प्रकार का यह पहला प्रयास है, जिसके अंतर्गत अलग-अलग स्कूलों में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रेड क्रॉस भवन में प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विद्यार्थियों को स्वास्थ्य इमरजेंसी और दुर्घटना दौरान डॉक्टर के पास पहुँचने से पहले मरीज/ जख्मी की जान कैसे बचाई जा सकती है, के ढंग तरीकों के बारे में प्रशिक्षण देना था ताकि कीमती जान बचाई जा सकें। इस दौरान नोडल अधिकारी सुनील फोगट आई.ए.एस. ( यू.टी.) भी मौजूद रहे।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्राथमिक सहायता ज़िंदगी को बचाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्राथमिक सहायता से जान को बचाया जा सकता है। आने वाले दिनों में प्रशासन द्वारा जहाँ अलग-अलग स्कूलों में यह ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं आज प्रशिक्षण लेने वाले अध्यापक और विद्यार्थी अपने-अपने स्कूलों यह प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने ज़िले में कम-से-कम 10 हज़ार वालंटियर तैयार करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है।

विद्यार्थियों को उचित ढंग से ट्रेनिंग लेने और दुर्घटना/ इमरजेंसी हालात के दौरान पीडितों की मदद के लिए आगे आने की अपील करते हुए डीसी ने कहा कि किसी की जान बचाने से बड़ा ओर कोई पुण्य नहीं है। इमरजेंसी हालात में पहले कुछ घंटों में हमारी थोड़ी सी समझदारी और होशियारी किसी की कीमती जान बचा सकती है। उन्होंने ‘लाईफ़ सेविंग स्किलज़’ सीख कर किसी की जान बचाने वाले ‘चेतना हीरो’ को ज़िला प्रशासन द्वारा सम्मानित करने का ऐलान भी किया गया।

प्रशिक्षण दौरान 2 प्राईवेट स्कूलों और 25 सरकारी स्कूलों के 14 वर्ष से अधिक आयु के 10वीं और 12वीं क्लास के विद्यार्थियों और अध्यापकों को कारडी ओजनिक शाक, न्यूरोलोजीकल शाक, दौरे, सड़क हादसे,  ख़ून बह जाने, साँप के काटने, कुत्ते के काटने, डूबने, जलने जैसी घटनाओं में मौके पर पीड़ितों  को दी जाने वाली प्राथमिक सहायता सम्बन्धित मास्टर ट्रेनर डॉ चश्म मित्र के नेतृत्व में डम्मी द्वारा प्रशिक्षण करवाया गया। इस दौरान प्रशिक्षण सम्बन्धित वीडियो भी जारी की गई।

इस दौरान वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए जागरूक भी किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. गुरमीत लाल, डॉ. राकेश चोपड़ा, सचिव रेड क्रास सोसायटी इन्द्रदेव सिंह मिनहास, प्रिं. तजिन्दर सिंह, अशोक सहोता सहित मौजूद रहे।  

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