लोग स्थान और तस्वीरें कर सकते है सांझा, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई: डॉ. हिमांशु अग्रवाल
दोआबा न्यूज़लाइन
जालंधर: शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने डीसी ऑफिस एक्शन हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 96462-22555 शुरू किया, ताकि लोग खाली प्लॉटों में कूड़ा डालने की सूचना दे सकें। उन्होंने आगे कहा कि नागरिक अब उन प्लॉटों का स्थान, पता और तस्वीरें भेज सकते हैं जहां कूड़ा जमा है, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.अग्रवाल ने आगे कहा कि अपनी खाली पड़ी संपत्तियों की सफाई के लिए प्रशासन से मदद मांगने वाले लोग भी इस हेल्पलाइन नंबर पर अपना स्थान और पता साझा कर सकते हैं, ताकि समय पर सहायता सुनिश्चित की जा सके। डिप्टी कमिश्नर ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जालंधर प्रशासन ने पहले 10 जुलाई, 2025 तक जिले भर के खाली प्लॉटों से कूड़े के ढेर और अन्य अपशिष्ट हटाने के आदेश जारी किए थे। प्लॉट मालिकों को कूड़े के अवैध डंपिंग को रोकने के लिए प्लॉट के चारों ओर चारदीवारी या बाड़ लगाने के भी निर्देश दिए गए थे। चूंकि अब निर्धारित समय बीत चुका है, इसलिए प्रशासन ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है जो अपने प्लॉटों की सफाई नहीं करवाते है। 150 से अधिक चालान जारी किए गए है और प्लॉट मालिकों को 300 से अधिक कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
इसके अलावा एक प्लॉट मालिक पर नगर निगम द्वारा उसकी संपत्ति से कचरा हटाने के लिए किए खर्च के रूप में 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। डा. अग्रवाल ने चेतावनी दी कि यदि कोई प्लॉट मालिक लागत जमा नहीं करता है, तो राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, पुलिस द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163, पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986, पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने जोर देकर कहा कि ये कदम जनहित में लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए उठाए जा रहे हैं, विशेषकर बारिश के मौसम में जब वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा ज़्यादा होता है। उन्होंने जालंधर में स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने और जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता भी दोहराई। उन्होंने ने आगे कहा कि निवासी किसी भी तरह की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, जिसकी संबंधित अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जाएगी और तुरंत समाधान किया जाएगा।