दोआबा न्यूज़लाईन
जालंधर : डी.ए.पी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में खाद विक्रेताओं की लगातार जांच की जाए, ताकि कोई भी उर्वरक विक्रेता डी.ए.पी. खाद का भंडारण न कर सकें और किसानों को खाद के लिए कोई दिक्कत न हो।
इस दौरान डीसी ने जिले के खाद विक्रेताओं को निर्देश दिए कि वे किसी भी प्रकार के खाद की फालतू स्टोरेज न करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा डी.ए.पी. खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी पर कड़ी नजर रखी जा रही है और अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि किसानों को डी.ए.पी. के विकल्प के तौर पर 20:20:0:13 ,एन.पी.के. 12:32:16, 15:15:15, 16:16:16 और सुपर फॉस्फेट (सिंगल), ट्रिपल फॉस्फेट आदि के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि बैठकों/सेमिनारों/ कैप/सोशल मीडिया आदि के माध्यम से किसानों को डी.ए.पी. के विकल्पों के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करके समय पर फसल लगा सकें।
उधर, जिले के प्रगतिशील किसानों ने डी.ए.पी. विकल्पों का उपयोग कर फसल की बिजाई कर रहे है। इसी गांव वरियाणा के प्रगतिशील किसान हैप्पी ने कहा कि वह डी.ए.पी. के बजाय एन.पी.के 15:15:15 का प्रयोग कर आलू की बिजाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि वह डीएपी की बजाय पहले भी एनपीके प्रयोग कर चुके है जिसका परिणाम बहुत अच्छा रहा है। उन्होंने अन्य किसानों को भी डीएपी पर अपनी निर्भरता कम करने की भी अपील की है।