DC ने किसानों को वातावरण की संभाल में सक्रिय भूमिका निभाने का न्योता दिया

दोआबा न्यूज़लाईन

जालंधर : डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल ने किसानों को धान की पराली को आग लगाने का रूझान छोड़कर पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का न्योता दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा देश भगत मेमोरियल हॉल में आयोजित सैमीनार के दौरान डा. अग्रवाल ने वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पराली जलाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने पर जोर दिया।

धुएं के कारण मौसम के बिगड़ के बारे में बोलते हुए डा. अग्रवाल ने कहा कि हर कोई इसके दुष्प्रभाव को महसूस कर सकता है और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम वातावरण की संभाल के लिए गंभीर कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि फसल अपशिष्ट जलाने से न केवल वायु प्रदूषित होती है बल्कि मिट्टी के कई पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते है।

सैमीनार के दौरान डा. अग्रवाल ने खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने वाले 20 प्रगतिशील किसानों को ‘वतन के रखवाल’ पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने इन किसानों द्वारा किए जा रहे योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे जहां पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा रहा है, वही भूमि की उर्वरता भी बरकरार रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कार विजेताओं को सरकारी दफ्तरों में काम पाने में प्राथमिकता मिलेगी।

डिप्टी कमिश्नर ने घोषणा की कि फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए 6342 मशीनें खरीदी गई है और इन मशीनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ग्राम स्तर पर मैपिंग की गई है। इसके अलावा किसानों की सुविधा के लिए फसल अवशेषों के उचित निपटारे के लिए 200 बेलरों की व्यवस्था की गई है। बता दे कि ‘वतन के रखवाले’ पहल के चलते ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाती है।
इससे पहले डिप्टी कमिश्नर ने फसल अवशेषों के उचित निपटारे के लिए लगाई गई प्रदर्शनी का भी दौरा किया और फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न मशीनों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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