दोआबा न्यूज़लाईन (जालंधर/विज्ञान)
जालंधर: सीएसआईआर-सेंट्रल लैदर रिसर्च इंस्टिट्यूट, रीजनल सेंटर जालंधर ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय विद्यालय-III, जालंधर कैंट के 38 छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर छात्रों को जहां नेशनल टेक्नोलॉजी डे के बारे में जागरूक किया गया, वहीं चमड़ा उद्योग के बारे में जानकारी देने के साथ ही केंद्र की विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण भी कराया गया।
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों एवं विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी. सुधाकर ने कहा कि भारत हर साल 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाता है और इस दिन का भारतीय इतिहास में बहुत महत्व है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1998 में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया था। इस अवसर पर डॉ. सुधाकर ने चमड़ा परीक्षण एवं संबंधित संस्थानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वी. कार्तिक ने छात्रों को चमड़ा बनाने की प्रक्रिया, विभिन्न चमड़े के उत्पादों और संस्थान के बारे में बताया।
इस अवसर पर जहां पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के डीन (आरएंडडी) डॉ. हितेश शर्मा ने छात्रों को विज्ञान का अर्थ समझाया, वहीं पीएलएफ के अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें चमड़ा उद्योग के भविष्य में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. हरजिंदर भाटिया ने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा एनआईटी जालंधर से डॉ. एस. बाजपाई ने इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और विज्ञान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों में ढेर सारा कौशल और ऊर्जा होती है, जिसका उपयोग शिक्षक के उचित मार्गदर्शन से देश की इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और विज्ञान की प्रगति में करना चाहिए। श्री आर. अरुलमणि, तकनीकी अधिकारी द्वारा सभी को धन्यवाद दिया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षकों सहित केंद्र का पूरा स्टाफ भी उपस्थित था।