दोआबा न्यूजलाइन
चंडीगढ़: पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन के डीएवी कोऑर्डिनेशन के पूर्ण समर्थन में एचएमवी यूनिट द्वारा एचएमवी कॉलेज को ऑटोनॉमस (स्वायत संस्था) बनाने के प्रिंसिपल और डीएवी मैनेजिंग कमेटी के प्रयासों के विरोध में चलाई जा रही भूख हड़ताल दूसरे दिन में प्रवेश कर गई। इस भूख हड़ताल में हर दिन पांच सदस्य क्रमिक रूप से भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उल्लेखनीय है कि आज यह विरोध धरना छठे दिन में प्रवेश कर चुका है। पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन और डीएवी कोऑर्डिनेशन कमेटी के दिशा-निर्देशों के तहत यह विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
यह भी उल्लेखनीय है कि ऑटोनॉमस (स्वायत संस्था) बनाना विद्यार्थियों के हित में भी नहीं है क्योंकि इससे जहां विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा वहीं उनके लिए अकादमिक विकास के अवसर भी घटेंगे। आज भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षक यूनियन के सदस्यों ने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि डीएवी कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी द्वारा लंबे समय से शिक्षकों की हकदार और जायज मांगों को नज़रअंदाज किया जा रहा है। इन मांगों में “कैस” प्रमोशन का मसला, 1925 पोस्टों के तहत कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए कुल वेतन पर सीपीएफ की कटौती, सातवां वेतन आयोग लागू करना, एरियर की बकाया राशि जारी करना, कुछ कॉलेजों में वेतन में हो रही देरी आदि शामिल हैं।
एचएमवी कॉलेज को ऑटोनॉमस (स्वायत संस्था) बनाने के प्रयासों के विरोध में यह भूख हड़ताल 28 अप्रैल को भी जारी रही, जिसमें आज डॉ. सीमा खन्ना (ज्वाइंट सेक्रेटरी एचएमवी यूनिट), प्रो. गुलागोग, प्रो. गुरमीत सिंह (एग्जीक्यूटिव मेंबर एचएमवी यूनिट), डॉ. रविंदर मोहन जिंदल (फाइनेंस सेक्रेटरी एचएमवी यूनिट) और डॉ. काजल पुरी (एग्जीक्यूटिव मेंबर) शामिल रहे।
यह उल्लेखनीय है कि डीएवी कॉलेजिज़ मैनेजिंग कमेटी द्वारा लंबे समय से शिक्षकों की जायज मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। इसी कारण 29 अप्रैल को डीएवी मैनेजिंग कमेटी के नई दिल्ली स्थित कार्यालय के बाहर एक विशाल रोष प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें उपरोक्त मांगों के साथ-साथ एचएमवी कॉलेज को ऑटोनॉमस बनाने से रोकने का मुख्य मुद्दा भी शामिल रहेगा।